प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना: लाभ और विशेषताएं
प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना: मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही देश की भलाई के लिए अहम फैसले लेने शुरू कर दिए थे. इन्ही में से नवंबर 2016 में सरकार का ‘नोटबंदी’ फैसला भी एक था. नोटबंदी के दौरान मोदी सरकार ने रातों रात 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए जिसका सबसे अधिक असर काला धन रखने वालों को हुआ. सरकार का यह फैसला प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लिया गया था. जिसके बाद काला धन बैंक में डिपाजिट करवाना सबसे कठिन हो गया था. ऐसे में भारतीय सरकार ने आयकर अधिनियम 1961 को पुन: संशोधित किया जिसे बाद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नए तरीके से पारित किया. नए अधिनियम के अनुसार जिन लोगों के पास काला धन था, वह अपने पैसे को सफेद मनी में बदल सकते थे. इसके लिए उन्हे 60 फ़ीसदी पेनालिटी रकम का भुगतान करना अनिवार्य था.
मोदी सरकार की प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना को 31 मार्च 2017 तक लागु किया गया था. जिसमे कईं लोगों ने अपनी ब्लैक मनी को पेनालिटी अमाउंट भर कर वाइट मनी में तब्दील किया. दरअसल, प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना देश भर के गरीबों और पिछड़े वर्ग के लोगों को एक वर्कशॉप मोहैया करवाती थी. जिसका मुख्य उदेश्य देश से गरीबी और भृष्टाचार ख़तम करना था. सरकार ने अमीरों से पेनालिटी वसूल कर इस योजना के तहत लाखों गरीब लोगों को वर्कशॉप दी साथ ही उन्हें कौशल की मदद से धन कमाना सिखाया.
प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना की विशेषताएं
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना यानिपहला टैक्स जमा नहीं करवाया था. इसमें उन्हें अपने कालेधन को बैंक में जमा करवाने के बाद 30 फ़ीसदी टैक्स, 33 फ़ीसदी सेस और 10% पेनालिटी भरनी पड़ी.
- इस योजना के तहत काला धन जमा करने वालों को स्वतः अपने धन को घोषित करने का प्रावधान बनाया गया.
- यह वर्कशॉप पेड वर्कशॉप के रूप में शुरू किया गया था. अतः इस वर्कशॉप में भाग लेने के लिए आवेदक को थोड़े पैसे शुल्क के रूप में जमा देने होंगे. पैसे जमा देने के बाद आवेदक को वर्कशॉप में शामिल होने का मौक़ा मिलेगा.
- देश का कोई भी नागरिक इस योजना का फायदा उठा सकता है. हालाँकि इस योजना में सरकार के विभिन्न विभागों के अफसर सांसद और विधायक शामिल रहेंगे.
प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के लाभ
- काले धन को सफेद धन में बदलने के लिए पेनालिटी के रूप में जो रकम आई, उसका इस्तेमाल प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के लिए किया गया. यानि इस राशी से लाखों गरीबो को वर्कशॉप और कौशल प्राप्त करने के असवर प्रदान किए गए.
- इस योजना के तहत यदि प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के बाद काले धन का पता चला और और व्यक्ति के आय स्रोत की जानकारी नहीं मिली, तो 77.25 फ़ीसदी पैसा सरकार को जाता.
- कालेधन के जो मालिक अपनी आय स्रोत साबित नहीं कर पाते, उनकी 80 फ़ीसदी राशि पर सरकार का अधिकार होता.
- यदि योजना के बाद छापा पड़ने पर काला धन मिलता तो 60 फ़ीसदी राशि सरकार को सौंपी जाती.
- छपे के दौरान काला धन स्वीकार करने पर 90 फ़ीसदी पैसा सरकार को दिया गया.