अक्षय वेंकटेश बायोग्राफी व समूर्ण जीवन परिचय गणित के नोबल फील्ड्स मेडल से हुए थे सम्मानित
दिल्ली में जन्मे भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई गणितज्ञ प्रोफेसर अक्षय वेंकटेश ने अंकगणितीय ज्यामिति, टॉपोलॉजी, ऑटोमोर्फिक रूपों और एर्गोडिक सिद्धांत में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया है जिसके लिए उन्हे रामानुज पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। आज हम बात करेंगे भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई गणितज्ञ प्रोफेसर अक्षय वेंकटेश के जीवन परिचय के बारे में जिन्हे अभी हाल ही में फिल्ड्स मेडल से सम्मानित किया गया है और आपको बता दें की यह मेडल जीतने वाले वेंकटेश भारतीय मूल के दूसरे गणितज्ञ हैं, इससे पहले वर्ष 2014 में भारतीय मूल की मंजुल भार्गव को ये यह पुरस्कार मिल चुका है।
अक्षय वेंकटेश बायोग्राफी ( Akshya Venkatesh Biography )
- नाम(Name) : अक्षय वेंकटेश
- पेशा(Profession) : Mathematician
- जन्म तारीख (Date of Birth) : 21 नवम्बर 1981
- जन्म स्थान (Birth Place) : दिल्ली
- माता का नाम (Mother Name) : स्वेता वेंकटेश
- धर्मं (Religion) : हिन्दू तमिल परिवार
- नागरिकता (Nationality) Australian
अक्षय वेंकटेश बायोग्राफी – अक्षय वेंकटेश जीवन परिचय एवं उपलब्धियां
बता दें की बचपन से ही वेंकटेश बहुत प्रतिभाशाली थे, जब वह मात्र दो साल के थे तभी उनके माता-पिता ऑस्ट्रेलिया आकर बस गए थे। फील्ड्स मेडल को गणित के क्षेत्र के नोबल पुरस्कार की संज्ञा दी गयी हैं, जानकरी के लिए बता दें की गणित के क्षेत्र में अपने विशिष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार हर चार वर्ष में एक बार 40 वर्ष से कम उम्र के गणितज्ञ को दिया जाता हैं और इस बार यह सम्मान भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई अक्षय वेंकटेश यह पुरस्कार जीतने वाले दूसरे भारतीय मूल के व्यक्ति हैं। इस पुरस्कार के साथ उन्हे एक सोने का मेडल और इसके साथ 15,000 कनाडाई डॉलर का नकद पुरस्कार भी दिया गया हैं।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षक के पद पर मौजूद अक्षय वेंकटेश अकेले नहीं है जिन्हे यह सम्मान प्राप्त हुआ है बल्कि उनके साथ तीन अन्य को भी यह विशिष्ट मेडल प्रदान किया गया है, जिनमें कैंब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कौचर बिरकर, बॉन विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले जर्मनी के पीटर स्कूल्ज और ईटीएच ज्यूरिख में इतालवी गणितज्ञ एलिसो फिगेली शामिल हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की उन्होंने उच्च विद्यालय में प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं भौतिकी और गणित ओलंपियाड्स में भाग लिया था और आपको यह जान कर यकीन नहीं होगा की केवल 11 व 12 वर्ष की आयु में दो विषयों में पदक जीते थे। वेंकटेश केवल 13 वर्ष की उम्र में हाई स्कूल समाप्त किया और 16 साल की उम्र में, 1997 में गणित में प्रथम श्रेणी में अपना ग्रेजुएशन किया। शुरू से ही प्रतिभाशाली अक्षय वेंकटेश ने केवल 20 वर्ष उम्र में ही उन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर ली।
अक्षय वेंकटेश – अवार्ड
इन्हे निम्न लिखित सम्मान से नवाज़ा गया है
- सलेम पुरस्कार (2007)
- सस्त्र रामानुजन पुरस्कार (2008)
- Ostrowski पुरस्कार (2017)
- फील्ड मेडल (2018)
अक्षय वेंकटेश का गणित में योगदान
यह भी बता दें की अक्षय ने गणित के विभिन्न क्षेत्रों में कई तरह से अपने महत्वपूर्ण योगदान दिया है जैसे संख्या सिद्धांत, ऑटोमोर्फिक रूप, प्रतिनिधित्व सिद्धांत, स्थानीय रूप से सममित रिक्त स्थान और एरगोडिक सिद्धांत. स्वयं और अन्य गणितज्ञ के साथ मिलकर इन विषयों पर उच्चतम स्तर पर काम किया है। वर्ष 2010 में अक्षय वेंकटेश हैदराबाद के इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ़ मैथमेटिक्स में स्पीकर के रूप में भारत आये थे, सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि प्रतिभाओं से परिपूर्ण अक्षय वेंकटेश ने अपने एक किताब भी लिखी है जिसका नाम Periods and Harmonic Analysis on Spherical Varieties है।
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