Breaking news

36000 फीट की ऊंचाई पर 4 घंटे तक उड़ता रहा छतिग्रस्त विमान, हवा में लटकी रही 136 यात्रियों की जान

एयर इंडिया एक्सप्रेस के बोइंग 737-800 विमान में 136 लोग और 6 क्रू सदस्य सवार थे, बता दें की कल शुक्रवार सुबह दुबई जाने वाला विमान करीब 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जब टेकऑफ करते समय विमान का निचला हिस्सा एयरपोर्ट की दीवार से टकरा गया और विमान छतिग्रस्त हो गया था मगर इस बेहद ही गंभीर घटना की जानकारी विमान के पाइलट को नही थी। बता दें की करीब चार घंटे तक 36000 फीट पर छतिग्रस्त विमान का हवा में उड़ना किसी करिश्मे से कम नहीं था। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान ने  इस हादसे की जानकारी एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को दी थी तो अधिकारी सकते में आ गए और तुरंत इसके बारे में पायलटों को सूचित किया। मगर यहाँ हैरानी की बात तो ये थी की पाइलट ने उनकी बात को अनसुना कर दिया गया।

अब आप सोच सकते हैं की 36000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे विमान में करीब 136 यात्रीयों की जान हवा में लटकी हुई थी। उसके बाद फिर से तीन बार एटीसी की तरफ से पायलट को चेतावनी दी गई तब जाकर विमान की लैंडिंग हुई। विमान की आपात लैंडिंग ना कराने पर पायलट इन कमांड ने तर्क दिया कि विमान के सभी सिस्टम ठीक काम कर रहे हैं और इसी वजह से उन्होंने उड़ान जारी रखने का फैसला किया। सूत्रों का कहना है कि डिपार्चर के 30-40 मिनट बाद बंगलूरू के एटीसी ने अपने त्रिची समकक्षों को हवाई अड्डे की क्षतिग्रस्त दीवार के बारे में बताया था। मुंबई एटीएस ने भी पायलटों को दो बार सूचित किया था। मानक संचालन प्रक्रिया के तहत विमान को जितनी जल्दी हो सके हवाई अड्डे पर वापस आना था। एक सूत्र ने कहा, ‘लेकिन यह तब तक नहीं हुआ जब तक कि एयर इंडिया फ्लाइट ऑपरेशनंस डिपार्टमेंट ने उन्हें विमान को डायवर्ट करके मुंबई में लैंड कराने के लिए कहा।’ नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस मामले की जांच करनी शुरू कर दी है।

वहीं एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टिगेशन ब्यूरो मामले की गहराई से जांच करेगा। आठ साल पुराना बोइंग 737 त्रिची एयरपोर्ट की दीवार से टकराया जिसके बाद रनवे लाइट टूट गई और लैंडिंग सिस्टम भी क्षतिग्रस्त हो गया था और फिर उसके बाद विमान चार घंटे तक 36000 फीट की ऊंचाई पर उड़ता रहा। ऐसे में विमान का निचला हिस्सा टूटने के बाद हवा के दबाव के कारण विमान टूट भी सकता था। जिस स्पीड से विमान के पहिए टकराए थे उससे यदि चिंगारी उठती तो वह फ्यूल टैंक तक पहुंच सकती थी। टक्कर के कारण पहिए जाम हो सकते थे और लैंडिंग के दौरान पहिए नहीं खुलते तो विमान रनवे पर रगड़ता और उसमें आग लग सकती थी।

त्रिची एयरपोर्ट ने टक्कर के बाद क्षतिग्रस्त हुए विमान के निचले हिस्से के बारे में विमान के पालयटों को जानकारी दी थी लेकिन उन्होंने उड़ान को जारी रखने का फैसला किया। इसके बाद मुंबई एटीएस ने पायलटों को दो बार सूचित किया और मुंबई में आपात लैंडिंग का आदेश दिया। मुंबई में फायर टेंडर्स के लिए इमरजेंसी की घोषणा करते हुए सुरक्षा उपाय के तहत एंबुलेंस को तैयार रखा गया। मुंबई एयरपोर्ट के रनवे पर विमान की सुरक्षित लैंडिंग करवाई गई। वहीं दोनों पायलटों को डीरोस्टर कर दिया गया है। यानी उन्हें फिलहाल कोई काम नहीं दिया जाएगा। पायलट इन कमांड के पास बोइंग 737 को उड़ाने का 3600 घंटों का अनुभव है। जिसमें 500 घंटे कमांडर और फर्स्ट ऑफिसर का है। एक साल में कोई भी पालयट केवल 1000 घंटे तक उड़ान भर सकता है।

Back to top button