अब सुभाष घई भी घिरे #MeToo के कटघरे में, पीड़िता ने सुनाई दिल दहला देने वाली दास्तान
न्यूज़ट्रेन्ड बॉलीवुड डेस्क-#MeToo नाम की सुनामी जिसने बॉलीवुड में नाना पाटेकर, कैलाश खेर, आलोक नाथ जैसे दिग्गजों के जीवन मे उथल-पुथल मचाने के बाद अब दस्तक दी है बॉलीवुड के शोमैन कहे जाने वाले फिल्मकार सुभाष घई के दरवाजे पर थाप दे दी। अपनी मशहूर फिल्म विश्वनाथ के डायलॉग “जली को आग कहते हैं बुझी को राख कहते हैं, जिस राख से बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते हैं” से ख्याति पाने वाले सुभाष जी को क्या पता था कि एक दिन ऐसी ही कोई आग उनके दरवाजे पर भी आ पहुंचेगी।
#MeToo के दायरे में कैसे आए सुभाष घई
बता दें की घटना की शुरुआत लेखिका महिमा कुकरेजा के ट्विटर पे एक अनजान महिला के एकाउंट को शेयर करने से हुई। हालांकि शोमैन सुभाष घई ने इन आरोपों का खंडन किया और साथ ही साथ महिला पर मानहानि का मुकदमा करने की बात भी कही। बता दें की हाल के दिनों में लगभग पूरे फिल्म इंडस्ट्री में और अब तो कई नेताओं का भी नाम जुडने लगा है। मगर यहाँ ध्यान देने वाली बता ये है की इस पूरे प्रकरण में महिला का नाम सामने नही आया है किंतु उसके मैसेज के द्वारा ये बात सामने आई है कि उसके साथ बलात्कार शराब में नशे की दवा मिलाकर पिलाने के बाद कि गई। अपने आरापों में महिला ने ये भी बताया कि काम के दौरान भी सुभाष घई उससे नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश करते रहते थे।
बता दें कि सुभाष घई जैसी बॉलीवुड की मशहूर हस्ती पर एक अज्ञात महिला ने #MeToo कैंपेन से जुडते हुए बलात्कार के आरोप लगाए हैं, महिला का ऐसा मानना है कि घई ने उसे ड्रिंक्स में कुछ नशीला पदार्थ मिला कर दिया और फिर उसके बाद उनके साथ यौन उत्पीड़न किया। इसके अलावा महिला ने यह भी बताया कि कई वर्षों पहले भाई साहब के साथ एक पल में काम करने के बाद वह उसमें कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी लेने लगे हाथ कुछ स्क्रिप्ट सेशन के बाद अक्सर ही उसे अपने अपार्टमेंट पर बुलाते थे। उसने यह भी दावा किया कि कई बार उन्होंने उसे जबरन चूमने की भी कोशिश की और इस घटना को यह कहकर शांत करा देते कि यह प्रेमियों की लड़ाई है।
वहीं दूसरी तरफ सुभाष घई ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों को सिरे से नकार दिया और कहा कि अगर महिला को लगता है कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है तो वह अदालत जा सकती है, मेरा भगवान जानता है कि मैंने कभी कुछ गलत नही किया। महिलाओं के साथ और उनका हमेशा सम्मान किया है, इसलिए वो इस तरह के आरोप से काफी आहात है और फिलहाल मानहानि का मुकदमा करने का पूरा मन बना चूकें हैं। इस निंदनीय घटना पर घाई साहब ने बेहद अफशोस जातते हुए बताया की किसी भी व्यक्ति के जीवन के पीछे जा कर से कोई कहानी निकाल कर उसको बदनाम करना आज एक फैशन सा बन गया है। मैं इन आरोपों को सिरे से नकारता हूं, उन्होने यह भी बताया की उन्होने अपने जीवन में और काम के दौरान हमेशा हर औरत का सम्मान किया है। अगर उस महिला का ऐसा दावा है तो उसे कोर्ट जाकर ये साबित करना चाहिए।