राफेल डील को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट का अहम बयान आया है । सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि केंद्र सरकार बताए कि राफेल डील कैसे हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि 29 अक्टूबर तक डील की प्रक्रिया उपलब्ध कराए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर रहे हैं। और ये भी साफ कर रहे हैं कि याचिकाकर्ताओं की दलीलें पर्याप्त नहीं हैं इसलिए उनकी दलीलों को भी रिकॉर्ड नहीं किया जा रहा है।
इस मामले में हम फैसले की प्रक्रिया में खुद को संतुष्ट कर लेना चाहते हैं। इसलिए केंद्र को डील की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि वो इस मामले में दाम और सूटेबिलीटी पर नहीं जा रहे हैं। इस मामले में केंद्र को 29 अक्टूबर तक जवाब देना है और अगली सुनवाई 31 तारीख को होगी।
क्या है पूरा मामला- भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल विमान सौदे में तीन याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि सरकार इस मामले में राफेल विमानों के दाम का खुलासा करे। इसी मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार इस डील की जानकारी उपलब्ध कराए।
क्या कहा केंद्र सरकार के वकील ने- केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा है कि ये जनहित याचिका नहीं बल्कि राजनीति हित की याचिका है। उन्होंने कहा कि ये चुनाव का समय है और कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए। वेणुगोपाल ने इस याचिका को जनहित के इतर राजनीतिक हित से प्रेरित याचिका करार दिया है। साथ ही कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसा संवेदनशील मामला है। केकेवेणुगोपाल ने कहा कि अगर इस मामले में कोर्ट केंद्र को नोटिस जारी करता है तो ये नोटिस सीधे प्रधानमंत्री को जाएगा। उन्होंने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई की जरूरत नहीं है। साथ ही केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि ये मामला पहले से ही सांसद में है।
क्या कहा याचिकाकर्ताओं के वकील ने- याचिकाकर्ताओं के वकील एमएल शर्मा ने कहा है कि अगर राफेल सौदे में किसी भी प्रकार का घोटाला हुआ है तो इसकी जांच अवश्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राफेल विमान सौदों में घोटाला हुआ है। एमएल शर्मा ने केंद्र सरकार पर 206 मिलीयन यूरो के भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया। इस मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।