अध्यात्म

इन 5 कारणों की वजह से रावण की हुई थी मृत्यु

रामायण की कहानी हम सभी जानते हैं। कहानी के रुप में या टीवी शो के माध्यम से हम सबने जाना कि रामायण की कहानी थी। रामायण में भी कई तरह की कहानियां शामिल थीं। जैसा की हम सब जानते हैं कि रावण की मृत्यु इसलिए हुई थी क्योंकि उन्होंने राम की पत्नी सीता का अपहरण किया था और सीता जी को वापस लाने के लिए राम जी ने वानरों की सेना के साथ मिलकर लंकेशपति रावण से युद्ध किया था।हालांकि रावण की मृत्यु के पीछे कई तरह के कारण थे। आपको बताते हैं उन श्राप के बारे में जिसके चलते रावण की मृत्यु हुई।

भगवान राम के वंश में एक प्रतापी राजा हुआ करते थे। उनका नाम अनरण्य था। एक बार अनरण्य और रावण का भयंकर युद्ध हुआ। उस युद्ध में राजा अनारण्य की मृत्यु हो गई। मृत्यु से पहले उन्होंने रावण को श्राप दिया कि तेरा नाश मेरे वंश से उत्पन्न एक युवक के हाथों होगी। इसके बाद प्रभु श्रीराम के हाथों रावण का वध हुआ।

रावण के मृत्यु का कारण उसका घमंडी होना भी था। रावण भगवान शिव का परम भक्त था। उनसे मिलने के लिए जब वो कैलाश गया तो वहां नंदी के स्वरुप के स्वरुप का मजाक उड़ा दिया। रावण ने मजाक के रुप में उन्हें बंदर के रुप वाला कहा। नंदीजी रावण के घमंड पर नाराज हो गए और उन्हें श्राप दिया कि तेरा नाश वानरों के कारण ही होगा। जब प्रभु श्रीराम ने रावण को हराना चाहा तो उन्हें वानरों का साथ लेना पड़ा।

रावण की पत्नी मंदोदरी की एक बड़ी बहन थी जिसका नाम माया था। माया के पति का नाम शंभर था। रावण का मन अपनी पत्नी की बहन के लिए भी फिसल गया और उसने उन्हें फंसा लिया।शंभर को जब पता चला तो उन्होंने रावण को बंदी बना लिया, लेकिन तभी दशरथ ने शंभर पर आक्रमण कर दिया। शंभर की मृत्यु के बाद रावण ने माया से साथ चलने को कहा। माया ने सती होते वक्त रावण को श्राप दिया की वासना में लीन होकर तुमने मेरा स्तीत्व भंग करने की कोशिश की और मेरे पति की मृत्यु हो गई। अब तुम्हारी मृत्यु का कारण भी किसी स्त्री के प्रति वासना ही बनेगी।

रावण को स्त्री का श्राप सबसे ज्यादा मिला। रावण पुष्पक विमान से कहीं जा रहा था। उस वक्त उसकी नजर एक सुंदर स्त्री पर पड़ी। रावण उसे शरीर को देखकर मोहित हो गया। रावण ने उसके साथ जबरदस्ती करते हुए अपनी देह त्याग दी और श्राप दिया की एक स्त्री के ही कारण तेरी मृत्यु होगी।

रावण के पतन की शुरुआत हुई थी जब उसकी बहन शूर्पणखा अपनी कटी हुई नाक लेकर उसकी सभा में पहुंची थी। दरअसल शूर्णपनखा रावण से बदला लेना चाहती थी। शूर्पणनखा के पति की नाम विद्युतजिव्ह था। वो कालकेय नाम के राजा के सेनापति था। जब रावण का युद्ध कालकेय से हुआ तो उसने अपनी बहन के पति को भी नहीं बख्शा उसका वध कर दिया। अपने पति की हत्या के बाद शूर्पणनखा ने रावण को श्राप दिया कि मैं ही एक दिन तेरे विनाश का कारण बनूंगी।

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