S-400 डील के बाद भारतीय सेना प्रमुख ने अब रूस से इस घातक हेलिकॉप्टर पर सौदे की जताई इच्छा
हाल ही में भारत दौरे पर आए रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ भारत ने कई अहम मुद्दों पर सौदे और समझौते किए जिसमे सबसे मुख्य रहा S-400 मिसाइल डेफ़िन्स सिस्टम। आपको बता दें की भारत और रूस के बीच हुए इस सौदे से भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन के माथे पर बल तो पड़ा ही है साथ ही साथ आमेरिका भी इस डील से काफी चिंतित हो गयी और लगातार इस सौदे को लेकर पाबंदी की धमकियां दे रहा है। मगर यहाँ पर सबसे खास बता ये है की इन सभी बातों के बीच भारत ने सफलतापूर्वक इस डील को फ़ाइनल कर लिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की भारत के सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत इस डील से काफी खुश नजर आए और यह भी बताया की भारत पूरी तरह से स्वतंत्र नीति पर चलता है।
यहाँ पर सेना प्रमुख ने एक और बड़ी बात कही और बताया की इसके अलवा वो चाहते है की भारत और रूस सिर्फ यहीं पर ना रुकें बल्कि अपने सम्बन्धों को और भी मजबूत बनायेँ और उन्होने से रूस से कामोव हेलीकॉप्टर और अन्य हथियार भी प्राप्त करने की भी इच्छा जताई। बता दें की सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत पिछले कुछ समय से रूस की छह दिवसीय यात्रा पर थे जहां से लौटने के बाद उन्होने के वी कृष्ण राव स्मृति व्याख्यान में रूस की यात्रा के संदर्भ में एक रूसी नौसेना अधिकारी जा जिक्र किया जिसने जेनरल रावत से सवाल किया था की भारत का झुकाव आमेरिका की तरफ कुछ ज्यादा ही है और शायद यही वजह है की अमेरिका ने रूस पर हथियारों के सौदे को लेकर प्रतिबंध लगाया हुआ है तथा भारत के साथ रूस के सौदे को लेकर उसे धमकी भी दे रहा था।
उसके इस सवाल के जवाब में सेना प्रमुख ने जवाब दिया कि हमें इस बात का पूरा अहसास है कि हम पर पाबंदियां लगाई जा सकती हैं लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें की हम स्वतंत्र नीतियों पर चलते हैं। इसके अलावा अपने रूस दौरे पर जनरल रावत ने रूसी सैन्य अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता कर सहयोग बढ़ाने के तौर तरीकों पर कई मुख्य बातचीत भी की साथ ही उन्होंने कहा कि रूसी भारतीय सेना और सशस्त्र बलों के साथ हाथ मिलाकर आगे बढऩे के लिए अत्यंत इच्छुक हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें की अमेरिका ‘काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट’ (CAATSA) के तहत इस डील पर प्रतिबंध लगाने की बता कर रहा है, गौरतलब है की इस कानून के अनुसार रूस, ईरान और उत्तर कोरिया सरीखे देशों के साथ किसी भी तरह का अहम व्यापारिक या रक्षा सौदा नहीं कर सकता है।
सेना प्रमुख ने यह भी बताया की जहां हर तरफ से पाबंदी और धमकियों का सिलसिला चल रहा था वहीं दूसरी तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए एस-400 डील पर सफलतापूर्वक दस्तखत किए, संभव है की इसके बाद भारत को भविष्य में अमेरिकी चुनौतियों से दो-चार होना पड़ सकता है। हालांकि इसके साथ ही सेना प्रमुख ने अपनी मंशा जाहीर करते हुए कहा की इस इस संधि के बाद अब भारत, रूस से कामोव हेलीकॉप्टर एवं अन्य हथियार प्रणाली खरीदने का भी इच्छुक है।