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एक तांगे वाले से MDH के सीईओ कैसे बने धर्मपाल गुलाटी, जानिए इसके संघर्ष का सफर

ऐसा कहा जाता है कि अगर इंसान के अंदर मेहनत करने की लगन और हौसला हो तो उसके लिए कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती. इंसान को अपने अंदर का हुनर पहचान कर आगे बढ़ना चाहिए बिना ये सोचे कि उसे कामयाबी मिलेगी या नहीं क्योंकि अगर आपकी मंशा सही हो और आपके अंदर मेहनत करने की क्षमता हो तो कोई भी डगर मुश्किल नहीं होती. कुछ ऐसा ही किया था MDH मसालों के जन्मदाता धर्मपाल गुलाटी ने, जिन्होंने शुरुआत तो तांगा चलाने से की लेकिन अपनी मेहनत के जरिए वे कई फैक्ट्री के मालिक और MDH के सीईओ बन गए. इन्हें चुन्नीलाल, मसालों का स्वामी जैसे कई नामों से पुकारा जाता था और 6 अक्टूबर की शाम इनका दिल्ली में निधन हो गया. 97 साल की आयु के दौरान इन्होंने भारत का विभाजन भी देखा, तांगा चलाया और एक छोटी दुकान खोली और फिर एंपायर के मालिक बने कुछ ऐसा सफर रहा है. एक तांगे वाले से MDH के सीईओ कैसे बने धर्मपाल गुलाटी, चलिए बताते हैं आपको इनके जीवन से जुड़े और भी कुछ पहलू.

एक तांगे वाले से MDH के सीईओ कैसे बने धर्मपाल गुलाटी

1. साल 1922 में पाकिस्तान के सियालकोट के पास जन्में धर्मपाल गुलाटी बचपन से ही मेहनती थे. इन्होंने ज्यादा पढ़ाई तो नहीं की थी लेकिन हर काम में निपुण जरूर थे.

2. मसालों के किंग के नाम से फेमस महाशय धर्मपाल गुलाटी के पिता चुन्नीलाल बंटवारे के बाद दिल्ली आ गए, जहां उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा. यहां उन्होंने मसालों की छोटी सी दुकान खोली और धर्मपाल जी तांगा चलाने लगे. इस तरह वे अपने परिवार का पेट पालते थे.

3. धर्मपाल के पिता चुन्नी लाल ने उनसे दुकान में ही बैठने को कहा और यही काम आगे बढ़ाने की बात कही थी. धर्मपाल जी भी मान गए और तांगे का काम बंदकर वो दुकान आ गए लेकिन कुछ ना कुछ नया वे वहां सोचते ही रहते थे.

4. दुकान में मसालों की बिक्री देखकर ही उनके दिमाग में ये आइडिया आया और उन्होंने अपने पिता से बात की. फिर दुकान में सिर्फ मसाले ही बेचने लगे और उसका नाम रखा महाशिन दी हट्टी यानी एमडीएच (MDH), जो आज एक ब्रांड बन गया है.

5. धर्मपाल जी ने धीरे-धीरे अपने मसालों की बिक्री चालू की और जब अच्छे खासे पैसे आ गए उससे दिल्ली के कीर्ति नगर में साल 1959 में एक छोटी मसाले की फैक्ट्री लगाई. यहां वे गर्म मसाले खुद तैयार करते थे और जिसका स्वाद लोगों को पसंद आने लगा.

6. आज की तारिख में पूरे भारत में उनकी 15 से 20 फैक्ट्रीज हैं जिसमें कई हजार वर्कर काम करते हैं. इसके अलावा आज पूरे भारत में ही नहीं बल्कि इनके मसालों की बिक्री दुनिया के कई देशों में भी होती है.

7. साल 2017 में मीडिया से मिली एक रिपोर्ट के अऩुसार, धर्मपाल गुलाटी सबसे ज्यादा बिक्री करने वाले FMCG प्रोडक्ट के सीईओ बने. इसमें सबसे खास बात ये रही कि इस ऊंचाई को छूने वाले धर्मपाल गुलाटी ने सिर्फ 5वीं तक ही पढ़ाई की थी.

8. महाशय जी बहुत से सामाजिक कार्य भी करते थे जिसमें उन्होंने अस्पताल, स्कूल और सेवा संस्थान भी बनवाए जहां मजबूर लोगों की सहायता निशुल्क की जाती है.

9. धर्मपाल जी कहते थे कि दुनिया को वह दे जो आपके पास सबसे अच्छा हो और आपका दिया हुआ सबसे अच्छा आपके पास वापिस आ ही जाएगा.

10. धर्मपाल जी 97 साल के थे और पिछले साल तक उनका शेड्यूल सुबह 5 बजे उठ उठना, एक्सरसाइज करना और 9 बजे अपने ऑफिस पहुंच जाना होता था.

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