देश के चार राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग आज कर सकता है। बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा का ये अंतिम चुनाव है। इसलिए इसे सभी पार्टियां सेमीफाइनल के रूप में भी देख रही हैं। चार राज्यों छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान और मिजोरम में विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है जबकि तेलंगाना में सयम से पहले विधानसभा को भंग कर दिया गया है। इसलिए ऐसी संभावना बन रही है कि इन चार राज्यों के साथ तेलंगाना में भी चुनाव हो सकते हैं। इन पांचों राज्यों में चुनाव तारीखों की घोषणा आज चुनाव आयोग आज कर सकता है।
पांचों राज्यों में सीटों को लेकर अलग अलग समीकरण हैं। तो चलिए जानते हैं कि पांचों राज्यों में विधानसभा की कितने-कितने सीट हैं। और कौन कौन सी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान में हैं।
मध्यप्रदेश- मध्यप्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के बड़ राज्यों में से गिना जाता है। यहां विधानसभा की 231 सीटे हैं। लेकिन यहां एक सीट को छोड़कर बाकी के 230 सीटों पर ही चुनाव लड़ा जाता है। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2013 में सत्तारूढ़ बीजेपी को 166, जबकि कांग्रेस को 57 और अन्य को तीन सीटें मिलीं थीं।
मध्यप्रदेश के चुनाव में हमेशा से ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुख्य रूप से राजनीतिक लड़ाई होती है। इस बार भी यही उम्मीद की जा रही है। लेकिन दोनों ही पार्टियों को ध्यान रहेगा कि मायावती की बहुजन समाज पार्टी की राज्य में एक ताकत है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी और गोंंडवाना गणतंत्र पार्टी भी गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाएंगे।
राजस्थान- राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं। ये राज्य हर पांच साल में सत्ता बदल जाने के रूप में भी जाना जाता है। 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जिसने राज्य में 163 सीटें हासिल की थी। जबकि 2013 से पहले सत्ता में रही कांग्रेस सिर्फ 21 सीटें में ही अपना परचम लहरा पाई थी। इसके अलावा बसपा को 3 और अन्य को 13 सीटें मिलीं थीं।
राजस्थान में भी दोनों राष्ट्रीय पार्टियां मुख्य रूप से सियासी लड़ाई में आमने सामने हैं। इनके अलावा नेशनल पीपल्स पार्टी, बहुजन समाज पार्टी भी चुनाव लड़ेंगे। जबकि भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता घनश्याम तिवाड़ी ने अपनी अलग पार्टी बना ली है और वो अपनी नई पार्टी भारत वाहिनी पार्टी के साथ चुनावी रण में होंगे।
छत्तीसगढ़- छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों से भाजपा की सरकार है। यहां विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। जिसमें पिछली बार यानी 2013 में एक कड़ मुकाबला देखने को मिला था। जिसमें भाजपा ने 49 और कांग्रेस ने 39 सीटें जीती थीं। और अन्य को दो सीटें हासिल हुईं। पिछले 15 सालों से रमन सिंह छत्तीसगढ़ के सीएम बने हुए हैं। देखना होगा कि 27 जिलों वाले राज्य छत्तीसगढ़ में क्या भाजपा फिर से सत्ता में काबिज होगी या कांग्रेस का सूखा खत्म होगा।
छत्तीसगढ़ में भी हमेशा से कांग्रेस और भाजपा ही मुकाबले में रहीं हैं। लेकिन इस बार कांग्रेस से बागी हुए अजीत जोगी ने अपनी नई पार्टी बनाकर मायावती की पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया है। ऐसे में इस राज्य का चुनाव भी दिलचस्प होने वाला है।
मिजोरम- मिजोरम में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां मौजूद 40 सीटों में से कांग्रेस ने 34 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाई थी। जबकि इस राज्य में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी। 34 के अलावा 6 सीटों पर क्षेत्रीय पार्टियों का कब्जा था।
तेलंगाना- इस राज्य में विधानसभा की कुल 119 सीटें हैं। वैसे तेलंगाना में विधानसभा का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है। पिछली विधानसभा चुनाव यहां 2014 में हुए थे। लेकिन मुख्यमंत्री चंद्रशेखऱ राव ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश दी थी इस वजह से चुनाव हो सकते हैं। वैसे बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में टीआरएस को 119 में से 90 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को मात्र 13 और ओवैसी की पार्टी को 7, बीजेपी को 5 और सीपीआईएम को 1 ही सीट मिली थी।