भारत ने रूस से खरीद लिया S-400 डिफेंस सिस्टम, जानें दुश्मनों के लिए कितना है खतरनाक
दो दिन के भारत दौरे पर आए रूस के राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा कई मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है। रूसी राष्ट्रपति का यह दौरा दोनों ही देशों के बीच रणनीतिक संबंधों के लिहाज से काफी खास माना जा रहा है ऐसा इसलिए भी क्योंकि पुतिन के इस दौरे का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी असर देखने को मिल सकता है। आपको बता दें की इस दौरे की सबसे मुख्य बात है रूस की S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम जिसे लेकर अब सारी अटकलें खत्म हो चुकीं है क्योंकि अब से कुछ देर पहले ही दोनों ही देश की सरकार ने इस डील पर हस्ताक्षर कर दिया है। फिलहाल आपकी जानकरी के लिए बता दे की इस डील के तहत भारत इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम की 5 रेजिमेंट्स की खरीद कर रहा है जिसके लिए भारत को तकरीबन 40,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। आपको यह भी बता दें की यह देश की सबसे बड़ी डिफेंस डील्स में से एक होगी।
आपको बता दें की इस डील से निश्चित रूप से भारत और रूस के रक्षा संबंधों को एक नया आयाम मिला। जानकारी के अनुसारआपको बताते चलें की एक वो समय भी था जब अमेरिका और इंग्लैंड ने भारत को सुपरसोनिक जेट विमानों की डील करने से इंकार कर दिया था और ऐसे में पहली बार रूसी मिग 1960 के दशक में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। आज इस खास मौके के अवसर पर जब दोनों ही देशों के बीच कई सारी रणनीतिक साझेदारी हुई है तो इसके प्रतीक रूप में भारत सरकार रूस को भारत में निर्मित मिग-21 तोहफे के रूप में देगा।
दुश्मनों के लिए कितना है खतरनाक
जानकरी के लिए बता दें की रूस निर्मित S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दुनिया में सबसे अडवांस माना जाता है। यह एक ऐसी मिसाइल रक्षा प्रणाली है जो बैलिस्टिक मिसाइलों के सामने एक तरह से ढाल के रूप में काम करती है। आपको यह भी बता दें की यह 30 किमी तक की ऊंचाई पर और 400 किमी की सीमा के भीतर जाकर अपने दुश्मन के एयरक्राफ्ट को हवा में ही मार गिरा सकता है।
अब आप इस बात से ही अंदाज़ा लगा सकते हैं की S-400 कितना ताकतवर है क्योंकि जानकारों का मानना है की इस सिस्टम में अमेरिका के सबसे उन्नत फाइटर जेट F-35 तक को भी मार गिराने की काबिलियत है और यही वजह है की अमेरिका भारत रूस की इस डील से बहुत ही चिंतित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इसकी खासियत ये है कि इसे मात्र पांच मिनट के भीतर ही एक्टिव किया जा सकता है और सबसे महत्वपूर्ण बता ये है की ये तीन तरह की मिसाइलों को फायर करने में सक्षम है।
हालांकि रूस के राष्ट्रपति पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के बीच कई और भी अहम मुद्दों पर हस्ताक्षर हुए हैं मगर दोनों देशों के बीच हुई ये डिफेंस डील भारत के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण बताई जा रही है। इस डिफेंस सिस्टम के जरिये अब भारत को पड़ोसी देशों के खतरे से निपटने अच्छी ख़ासी मदद मिल पाएगी।