अक्षय ऊर्जा दिवस विशेष : जानिये अक्षय ऊर्जा दिवस के बारे सम्पूर्ण जानकारी
अक्षय ऊर्जा दिवस विशेष ( Akshay urja Diwas in hindi ) : एक तरफ जहां दुनिया के सभी देश धरती के बढ़ते तापमान को लेकर चिंतित हैं और लगातार इस कोशिश में जुटे हैं कि किस तरह ऐसी ऊर्जा या किसी तकनीक की खोज की जाए जिससे मानव जाति को लाभ भी हो और धरती का तापमान भी सामान्य बना रहे और जहां तक संभव हो सके ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी कम हो। देखा जाए तो यह बहुत ही गंभीर विषय है क्योंकि एक बात तो लगभग तय है की जिस तेजी से हमारी पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों का हर तरफ से इस्तेमाल हो रहा है उससे आने वाले समय में हमारे परंपरागत ऊर्जा स्रोत खत्म हो जाएंगे और तब हम क्या करेंगे।
ऐसी ही अवस्था को ध्यान में रखते हुए गैरपारंपरिक ऊर्जा की खोज बेहद ही अनिवार्य सा हो गया है। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत ऊर्जा, ज्वार-भाटा आदि से प्राप्त ऊर्जा इस तरह की ऊर्जा के मुख्य उदाहरण हैं। इसलिए अक्षय ऊर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का विकास व प्रयोग आवश्यक है।
अक्षय ऊर्जा दिवस ( Akshay urja diwas )
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के बारे में एक बेहद ही महत्वपूर्ण जागरूकता अभियान है अक्षय उर्जा दिवस , जिसे वर्ष 2004 से हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है। आपको जानकारी के लिए बता दें की नए और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के लिए भारतीय मंत्रालय ने साल 2004 में “अक्षय उर्जा दिवस” की शुरुआत की जिसका पहला समारोह 2004 में देश की राजधानी नई दिल्ली में मनाया गया और फिर इसके बाद अगले वर्ष 2005 में एक बार फिर से नई दिल्ली में, 2006 में नागपुर में, 2007 में हैदराबाद में तथा 2008 में हरियाणा के पंचकुला में दोहराया गया था।
वर्ष 2004 में अक्षय ऊर्जा दिवस के उपलक्ष्य में नवीनतम भविष्य को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में तकरीबन 12,000 स्कूली छात्र-छात्राओं की एक विशाल मानव श्रृंखला का गठन किया गया था, सिर्फ इतना ही नहीं इस बेहद ही ऊर्जावान और प्रभावशाली अभियान को बढ़ावा देने के लिए प्रधान मंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट जारी किया था।
अक्षय ऊर्जा दिवस का मुख्य उद्देश्य
बताते चलें की अक्षय ऊर्जा दिवस का मुख्य उद्देश्य यही है कि इस अभियान की मदद से हमारे समाज में यह संदेश जाए कि हमें परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के साथ गैरपारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बारे में भी सोचना है और उन सभी ऊर्जा के स्रोतों का इस्तेमाल करना है जो हमे प्रकृतिक तरह से मिलती है क्योंकि एक तो उनसे हमारे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं है और दूसरे उनके इस्तेमाल से हमारी परंपरागत ऊर्जा के स्रोतों को भविष्य में लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकेंगे।
अक्षय ऊर्जा का महत्व
बता दें की ऊर्जा आज हमारी आधुनिक जीवन शैली का एक बहुत ही अभिन्न अंग बन चुका है, एक तरह से आज हमारा जीवन पूरी तरह से इसपर निर्भर है। ऊर्जा के बिना आप किसी भी तरह से आधुनिक सभ्यता की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं और निश्चित रूप से ये हमारी आधुनिक सभ्यता के अस्तित्व पर बहुत बडा प्रश्न-चिह्न बन चुका है। आपको बता दें की अक्षय ऊर्जा, अक्षय विकास का एक प्रमुख स्तम्भ है। अगर इस बात को गंभीरता से समझा जाए तो अक्षय उर्जा, ऊर्जा का एक ऐसा विकल्प है जो अनंत है, असीम है क्योंकि प्रकृति ने मानव जाती की रचना की है तो उसे पहुत सारी प्रकृतिक साधन और संसाधन भी दिया है जैसपर यदि एचएम सब मिलकर कार्य करें तो पूरे संसार की काया बदली जा सकती है।
12वीं के बाद क्या करें, जानिए अपनी स्ट्रीम से जुड़े बेहतर करियर आप्शन
अक्षय ऊर्जा के विकास के लिए एक अलग मंत्रालय
ऊर्जा का सीधा संबंध पर्यावरण से है, देखा जाए तो ऊर्जा के परम्परागत साधन जैसे की कोयला, गैस, पेट्रोलियम आदि ये सभी बहुत ही सीमित मात्रा में होने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण के लिये काफी ज्यादा हानिकारक हैं। चूंकि आज हम बहुत ही तेज़ी से आधुनिकता की तरफ बढ़ते जा रहे है तो ऐसे में हमे इन सभी संसाधनों का प्रयोग करना ही पड़ता है क्योंकि हमारे पास अन्य कोई विकल्प नहीं है और बतिजा धरती का असामान्य होता तापमान, हर वर्ष तरह तरह के विनाशकारी प्रलय, बदलता मौसम आदि तरह की समस्याएँ हमे देखने को मिलती है। ऐसे में इसके सबसे बेहतर विकल्प है अक्षय ऊर्जा, जो पूरणीय तो हैं ही साथ ही साथ पर्यावरण को भी कोई हानि नहीं पहुंचाते।
अक्षय ऊर्जा का सबसे बड़ा फायदा ये है की आज के समय में हम जिस वैश्विक गर्मी ( Global Warming ) की समयसा से जूझ रहे है उसे सुधारने के लिए शायद ये सबसे बेहतर विकल्प साबित हो सकता है जिसके लिए आज विश्व के कई देश प्रयासरत है जिनमे हमारा भारत भी शामिल है।
एक रिपोर्ट के अनुसार आपको बता दें भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जहां अक्षय ऊर्जा के विकास के लिए एक अलग मंत्रालय गठित है।वर्तमान में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता करीब 60 गीगावाट है, इसके अलावा आपकी जानकारी के लिए यह भी बताते चलें की 2022 तक यह लक्ष्य है की नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 225 गीगावाट यानी 2,25,000 मेगावाट ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल कर लेना है।