रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक के लिए दो दिवसीय भारत यात्रा पर कल यानी गुरूवार को यहां पहुँचे। बता दें कि ये 19वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन है। जो शुक्रवार से शुरू होगा। इस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों में रक्षा सहयोग में समीक्षा की उम्मीद है। इसके अलावा दोनों राष्ट्र प्रमुखों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की संभावना है। ईरानी कच्चे तेल पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है इस मुद्दे पर भी विचार हो सकता है। पुतिन के इस यात्रा मेंं जिस बात पर सबसे ज्यादा जोर होगा वो है एस-400 मिसाइल प्रणाली डील। यह करार 37 हजार करोड़ रूपए से भी ज्यादा का है।
पुतिन की यात्रा पर दुनिया भर की नजर- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस यात्रा पर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई हैं। क्योंकि इस यात्रा के दौरान मोदी और पुतिन मेंं ईरान के कच्चे तेल के आयात पर अमेरीकी प्रतिबंध समेत विभिन्न अतंरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर भारत के साथ रूस के करार के आसार हैं, इसलिए भी इस यात्रा को खास माना जा रहा है।
s-400 वायु रक्षा प्रणाली- रूस भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली देगा जिसके लिए पाँच अरब डॉलर का करार शामिल है। इस करार से रक्षा, अंतरिक्ष, पर्यटन, व्यापार, उर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन अमेरिकी साया बना हुआ है, अमेरिका को भारत और रूस की ये दोस्ती रास नहीं आ रही है। रूस के राष्ट्रपति के इस यात्रा से पहले अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों को रूस के साथ किसी भी तरह के रक्षा खरीद-फरोख्त के समझौते से दूर रहने के संकेत दे दिए हैं। अगर अमेरिकी प्रतिबंधो का उल्लंघन हुआ तो अमेरिका कार्रवाई भी कर सकता है। बता दें कि पछले ही महीने चीन पर अमेरिका कार्रवाई कर चुका है, जब उसने रूस के साथ रक्षा सौदे किए थे।
भारत इस करार के लिए आगे बढ़ेगा- अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने इस करार के लिए आगे बढ़ने के संकेत दे दिए हैं। भारत ने कहा है कि वो अपने वायु रक्षा प्रणाली ताकतवर बनाने के लिए लंबी दूरी के मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है। बता दें कि रूस, भारत के लिए हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक प्रमुख देश है।