दक्षिण दिशा में पैर करके सोना क्यों है वर्जित ? जानिए शास्त्रों का ये अहम निर्देश
दिनभर की थकान के बाद हर इंसान आराम की नींद लेना चाहता है और ये हर उस इंसान के लिए जरूरी है जो दिन-रात मेहनत करता है. थकावट में चूर आदमी उल्टा-सीधा कैसे भी सो जाता है. मगर कैसे भी सोना सही नहीं होता ना ये बॉडी के लिए सही होता है और ना शास्त्रों द्वारा सही माना जाता है. सोने के लिए भी शास्त्रों में कई तरह की बातें बताई गई हैं जिसें सोते समय अगर हमारे पैर दक्षिण दिशा में नहीं होने चाहिए या उत्तर दिशा में सिर नहीं होना चाहिए. मगर ऐसी बातें होती क्यों हैं और इनका क्या मतलब होता है क्य आपने सोचा है ? दक्षिण दिशा में पैर करके सोना क्यों है वर्जित? इस बात की जानकारी हर व्यक्ति को होनी चाहिए खासकर हिंदू धर्म के लोगों को क्योंकि शास्त्रों के बारे में और उसकी अहमियत वे ही समझ सकते हैं.
दक्षिण दिशा में पैर करके सोना क्यों है वर्जित ?
जब भी हम सोएं तो इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि हमें पूर्व या दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोएं और हमारा पैरे उसके अपोजिट साइड ही हो. इन दिशाओं में सिर रखकर सोने से आयु लंबी होती है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. इसके विपरित उत्तर या पश्चिम दिशा में सिर रखकर सोने से हेल्थ को नुकसान पहुंचता है और शास्त्रों में इसे अपशकुन कहते हैं. नीद हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है जिससे व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है, इसलिए ही ऋषि मुनियों ने शास्त्रों में शयन की क्रिया का अधिक लाभ लेने के कुछ नियम बनाए हैं. नींद से जुड़े कुछ नियम आपको भी जानने चाहिए.
1. शाम के समय किसी भी इंसान को सोना नहीं चाहिए, सोते समय पैरों को दक्षिण दिशा में नहीं ले जाना चाहिए वरना शास्त्रों में इसे बहुत बुरा माना जाता है.
2. पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर सिर रखकर सोना अच्छा माना जाता है. वे अनेक बीमारियों से दूर रहते हैं. सौर जगत ध्रुव पर आधारित रहता है और ध्रुव के आकर्षण से दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर प्रगतिशील विद्युत प्रवाह होकर हमारे सिर में आ जाता है और पैरों के रास्ते निकल जाता है.
3. दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से भोजन आसानी से पच जाता है. सुबह-सवेरे जब भी हम सोकर उठते हैं तो मस्तिष्क शुद्ध वैद्युत परमाणुओं से पूर्ण और स्वस्थ हो जाता है. इसलिए दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए.
4. रात में खाने के बात तुरंत नहीं लेटना चाहिए बल्कि थोड़ा टहलकर फिर लेटें और भगवान का स्मरण करें इसके बाद ही सोने जाएं. सोने से पहले अगले दिन की योजना बना लें तो अच्छा रहता है.
5. सोने से पहले आपको लघुशंका या बाकी सभी काम कर लेने चाहिए. बेड पर आने से पहले आपको अपने पैर और मुंह को अच्छे से धो लेना चाहिए इससे नींद अच्छी आती है.
6. टहलकर आने के बाद व्यक्ति को सीधे नहीं लेटना चाहिए बल्कि बाईं करवट करके सोने की कोशिश करनी चाहिए. वैज्ञानिक तौर पर ऐसा करने से नींद अच्छी आती है.