घर के बुजुर्गों का रखें ख्याल, परिवार में उनकी है खास जगह
हर रिश्ते का अपना एक खास महत्व होता है। जो बातें आपक मां सीखा सकती है वो भाई बहन नहीं जो दोस्त बती सकते हैं वो मां पिता नहीं जो टीचर सीखा सकता है वो कोई और नहीं। ठीक वैसे ही जो बातें आपको घर के बड़े बुजुर्ग सीखाते हैं वो आप गूगल पर भी नहीं ढूंढ सकते। वैसे तो बुजुर्ग शरीर से कमजोर होते हैं, लेकिन अगर अनुभव की बात करें तो पूरे परिवार में उनसे ज्यादा ताकतवर कोई नहीं। जिंदगी के इतने साल का अनुभनव उन्हें पता रहता है जो आप इस उम्र में कभी समझ नहीं सकते। उन्हें बस आपके प्यार, देखभाल और सम्मान की जरुरत होती है। आप उनके साख कुछ अच्छा वक्त बिता सकते हैं।
आज कल के दौर में लोग माता पिता से परेशान होकर उन्हें वृद्धाश्रम छोड़ आते हैं। ये उम्र का वो पड़ाव होता है जहां आपके माता पिता को आपकी सबसे ज्यादा जरुरत होती है।कई बार ऐसी खबरें भी सामने आई है कि माता या पिता की ढंग से सेवा ना करने के चलते परेशान होकर लोगों ने उन्हें छत से ढकेल दिया या अस्पताल में मरने के लिए छोड़ दिया। जरा सोचें क्या जब आप बीमार पड़ते थे तो आपके माता पिता आपको छोड़कर चले जाते थे। उनकी देखभाल कीजिए।
आप अपनी सेहत की चिंता करते हैं जो आपको अपने बुजुर्गों की सेहत का भी ख्याल रखना चाहिए।बढ़ती उम्र के साथ शरीरी की उर्जा खत्म होने लगती है। ऐसे में उन्हें प्रेरित करें। अपने साथ सैर पर ले जाएं। हल्की वॉक कराएं। उन्हें खाने पीने में तला भूना कम और जूस और पौष्टिक आहार ज्यादा दें।जितना शारीरिक रुप से उन्हें कमजोर नहीं होने देना है उसी तरह मानसिक रुप से भी उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखें। ऐसी उम्र में अक्सर याद्दाश्त खोना, रास्ता भटक जाना, नाम ना याद रहना जैसी बीमारी होती है। इसे डॉक्टर से सलाह लें। उन पर झूंझलाकर उन्हें डांटे नहीं। आराम से जवाब दें।
ड्राइविंग करना अगर पसंद हो तो इसकी आदत ना छुड़ाएं। उन्हें ड्राईविंग सीखाए। हो सकता है एमरजेंसी के वक्त वो खुद कार ड्राइव कर सकें। अगर वो ड्राइविंग करने की जिद कर रहे हैं तो इसे अनदेखा ना करें। उनकी मदद करें।वित्तीय मामलों में आप उनसे मदद ले सकते हैं। घर के बुजुर्ग ने इतने साल घर चलाया है तो उन्हें इस बात को बहुत ज्यादा अनुभव है कि पैसे कहां शेयर करने हैं या कैसे रखने हैं। अगर आप उनसे बात करेंगे तो उन्हें भी एहसास होगा कि आप उनको महत्वपूर्ण समझते हैं।
वित्तीय के साथ साथ आप कानून मामलों में भी आप उनसे सलाह ले सकते हैं।आप उन्हें ये एहसास दिलाए कि आज भी घर की बागडौर उन्हीं के हाथ में हैं। वसीयत और पॉवर ऑफ अटार्नी जैसे मामलों में दखल ना दें। अपने माता पिता पर भरोसा रखें वो आपको खाली हाथ नहीं रखेंगे। अपने घर के बुजुर्गों के साथ खाना जरुर खाए। इस उम्र में उन्हें साथ और प्यार की बहुत जरुरत होती है। उनके खान पान का ध्यान रखें, लेकिन उनकी पसंद का भी ध्यान रखें। उनके साथ बैठकर खाना खाएंगे तो उन्हें बहुत खुशी मिलेगी।