मायावती ने दिया कांग्रेस को करारा झटका, बोलीं “कांग्रेस नहीं चाहती कि बीजेपी हारे”
चार राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो रही है। इसी बीच बीजेपी को इन राज्यों से सत्ता से उखाड़ फेंकने के कांग्रेस के इरादे को जोरदार झटका तब लगा जब मायावती ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कड़े तेवर अपनाते हुए ये एलान कर दिया है कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव नहीं लड़ेगी। लोकसभा चुनाव से पहले इन तीन राज्यों में जीत हासिल करना सभी पार्टियों के लिए चुनौती का काम है। खासकर कांग्रेस के लिए। कांग्रेस को उम्मीद थी कि इन तीनों राज्यों में बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनाव लड़कर वो जीत का स्वाद चख लेगी लेकिन मायावती ने कांग्रेस के सारे उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
मायावती का ऐलान- मायावती ने बुधवार को शब्दों में कह दिया कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी, इसके अलावा मायावती ने कांग्रेस को खूब कोसा भी है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस खुद अपनी फ्रेंडली पार्टियों को नुकसान पहुंचाना चाहती है। मायावती का आरोप है कि कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी को खत्म करना चाहती है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस कभी चाहती ही नहीं है बीजेपी हारे।
मायावती ने कांग्रेस के खिलाफ काफी ज्यादा तल्ख तेवर दिखाए हैं उन्होंने कांग्रेस को जातिवादी और सांप्रदायिक पार्टी कहा है। मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से क्षेत्रीय पार्टियों को नुकसान पहुँचाती रही है।
यकीनन मायावती के इस ऐलान के बाद सत्ताधारी बीजेपी को करारा झटका लगा है, वहीं कांग्रेस को करारा झटका लगा है। बीजेपी के लिए ये राहत की खबर है कि जो एकमात्र खतरा उनके जीत में था वो सिर्फ ये गठबंधन हो सकता था। लेकिन मायावती के इस ऐलान के बाद बीजेपी को और राहत मिल गई होगी। वहीं कांग्रेस की अब सारी उम्मीदें खत्म होती दिख रही हैं। इससे लोकसभा चुनाव 2019 के विपक्षी एकता को भी करारा झटका लगा होगा। ये अलग बात है कि अभी मायावती ने लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है। इस वजह से महागठबंधन का चित्र स्पष्ट नहीं हो रहा है।
मायावती छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी के साथ गठबंधन कर चुकी हैं। जबकि उनके इस ऐलान के बाद साफ हो गया है कि अब वे किसी भी राज्य में कांग्रेस का साथ नहीं देंगी। साल के अंत में यानी नवंबर दिसंबर में चार राज्यों में चुनाव होने हैं। जिनमें से दो राज्यों मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ मेंं बीजेपी 15-15 सालों से सत्ता में काबिज है। जबकि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है।