संसद का शीतकालीन सत्र शुरू, पीएम बोले – ‘ब्लैक मनी, भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘धर्मयुद्ध’ में सबका सहयोग जरूरी’
नई दिल्ली- आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। जिसमें नोटबंदी पर पहले ही दिन से हंगामे के आसार हैं। इससे पहले पीएम ने अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रहित के मुद्दों पर सभी दलों का साथ होना चाहिए। नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष सरकार के खिलाफ़ एकजुट दिख रहा है। सोमवार को कांग्रेस, टीएमसी, सीपीएम, आरजेडी समेत कई दलों की बैठक हुई थी। लेकिन नोटबंदी को लेकर विपक्षी दलों के तेवरों से साफ है कि नोटबंदी पर संसद पहले ही दिन से गरमाने वाली है। शीतसत्र से एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक भी हुई। Winter session of parliament.
आज संसद से सड़क तक संग्राम –
मंगलवार को कांग्रेस के साथ विपक्षी दलों ने आज से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार को बड़े नोटों को अमान्य करने के उसके कदम पर घेरने की रजामंदी व्यक्त की हालांकि तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रपति भवन मार्च के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन सकी। इस मुद्दे पर आज इन नेताओं की फिर बैठक होगी ताकि इस बारे में रणनीति को अंतिम रूप दिया जा सके। संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग समेत सभी संसदीय उपायों का उपयोग करने और सरकार को जवाबदेह ठहराने पर सहमति बनी।
हर मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार तैयार –
पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र से पहले मीडिया के सामने कहा कि देशहित में चर्चा होनी चाहिए। सरकार की सोच और लोगों की समस्याओं पर इस सत्र में अच्छी डिबेट होगी। सभी दलों का अच्छा योगदान होगा। सरकार की ओर से प्रस्तावित काम पर सभी दलों को साथ लेकर आगे चलने का काम किया जाएगा। जीएसटी पर भी सभी दलों के साथ आगे बढ़ा जाएगा. सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।
मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा, ‘हमने भ्रष्टाचार, ब्लैक मनी और नकली नोटों के खिलाफ ‘धर्मयुद्ध’ छेड़ा है। देशहित में सभी पार्टियों को इस मुद्दे पर समर्थन करना चाहिए।’ संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने पीएम के बयान के बारे जानकारी दी।
काला धन, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष से सहयोग मांगा –
इस बैठक में पीएम मोदी ने काला धन और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर संसद के भीतर और बाहर विपक्षी दलों का सहयोग मांगा है। सरकार कह रही है कि वो हर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन कांग्रेस के तेवर गर्म हैं। रात में मुंबई पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी पर फिर से पीएम मोदी के घेरा हैं।
GST और तीन तलाक जैसे मुद्दों पर भी होगी चर्चा –
इसके अलावा जीएसटी, तीन तलाक जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। सत्र के समयपूर्व आयोजन का उद्देश्य केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) को जल्द से जल्द पास करवाना है ताकि जीएसटी का रास्ता साफ हो सके। सरकार अगले साल से बजट सत्र के समयपूर्व आयोजन पर भी विचार कर रही है। इसे समय से एक महीने पहले या जनवरी से शुरू किया जा सकता है।