माँ के गर्भ में ही तय हो जाता है बच्चे का नसीब, क्या बनेगा और कितनी होगी संपत्ति
जब बच्चा अपनी मां के गर्भ में आता है तो घरवाले एक से बढ़कर एक नुस्खे मां को देने लगते हैं. जिससे बच्चे का भविष्य और उसका जीवन अच्छे से बीते. उसकी लंबी उम्र और भविष्य में सफल होने की दुआ और आशिर्वाद घर के सभी बड़े देने लगते हैं. बच्चे का जन्म होता है तब से बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए माता-पिता चिंता करने लगते हैं उनके भविष्य को लेकर जगह-जगह मन्नतें मांगते हैं लेकिन वे नहीं जानते कि माँ के गर्भ में ही तय हो जाता है बच्चे का नसीब, वो बच्चा जीवन में कितना पढ़ेगा, क्या बनेगा और उसके पास कितनी संपत्ति होने वाली है इस बात की जानकारी आम लोगों को नहीं होती है लेकिन बच्चे की किस्मत में वो सब कुछ लिखा जा चुका होता है जब वो अपनी मां के गर्भ में पलने लगता है.
माँ के गर्भ में ही तय हो जाता है बच्चे का नसीब
हिंदू धर्म में पाए जाने वाले ग्रंथों में कुछ ऐसी बातें बताई गई है जिसे लोग नहीं जानते हैं. पंचतंत्र के हितोपदेश में एक ऐसी खास बात बताई गई है जिसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं. पंडित विष्णु शर्मा द्वारा बताया गया है कि इस ग्रंथ के मुताबिक, जब बच्चा अपनी मां के गर्भ में आता है तभी भगवान उसके जीवन से जुड़ी 4 बातें तय कर दी जाती है. चलिए बताते हैं आपको हम उन 4 बातों के बारे में..
1. आयु
किसी इंसान की मृ-त्यु कम उम्र में हो जाती है तो कोई 100 वर्षों तक जिंदा रहता है. कम उम्र में मरने वाले लोगों के बारे में कुछ बातें करने लगते हैं कि पता नहीं कौन से कर्म होंगे जो ऐसा हुआ लेकिन ये सच नहीं होता. व्यक्ति जब अपनी मां के गर्भ में शिशु बनकर आता है तब ही उनकी आयु निर्धारित भगवान द्वारा कर दी जाती है. ऐसा बताया जाता है कि उसी दौरान उस शिशु की उम्र तय होती है कि वो कब तक जीवित रहेगा. ये सारी बातें ग्रंथों में पहले ही लिखी जा चुकी होती है.
2. कर्म (काम)
हर माता-पिता को ये चिंता रहती है कि उनका बच्चा बड़ा होकर क्या करने वाला है या वो क्या करना चाहता है. योग्यता पाने के बाद शिशु क्या-क्या काम करेगा या किस क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाला है. वो बिजनेस करेगा या फिर किसी बड़ी जगह नौकरी करेया या फिर कुछ नहीं करेगा ये सबकुछ उनकी मां के गर्भ में ही तय हो जाता है.
3. धन और संपत्ति
गर्भावस्था के दौरान या शिशु जन्म लेने के बाद बड़े होने पर वो शिशु कितनी धन-संपत्ति का मालिक बनेगा, उन्हें कितनी धन-संपत्ति का सुख मिलेगा या नहीं मिलेगा. वे स्वयं धन-संपत्ति अर्जित करेगा या उसे पैतृक का पैसा मिलेगा, ये सबकुछ उसके लिए परमात्मा ही तय करते हैं.
4. शास्त्रों का ज्ञान यानी पढ़ाई
गर्भवस्था शिशु पढ़ाई में कितना होशियार होगा या फिर वो कैसा बनेगा. वे शिशु किस क्षेत्र में पढ़ाई करने वाले हैं और कितनी पढ़ाई करेगा. ये सभी भी भगवान पहले ही उस शिशु के लिये तय कर देते हैं.