भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले आज किसान क्रांति यात्रा दिल्ली पहुंच रही है। ज्ञात हो कि किसानों की ये यात्रा उत्तराखंड के हरिद्वार से शुरू हुई थी। किसानों ने दिल्ली कूच का एलान किया है। दिल्ली के यूपी सीमा में धारा 144 लागू कर दी गई है। किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने आया है। राजनाथ सिंह से मिलकर अपनी मांगों को रखेंगे।
किसानों को रोकने के लिए दिल्ली के पूर्वी सीमा में वैशाली के पास रोकने का पूरा इंतजाम किया गया था। लेकिन ये किसान धीरे धीरे दिल्ली यूपी बॉर्डर तक पहुँच गए हैं। ये किसान गांधी जयंती यानी आज 2 अक्टूबर के दिन राजघाट से सांसद तक कूच करने की तैयारी मेंं हैं। इसी के मद्देनजर सांसद और राजघाट के आस पास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके अलावा दिल्ली के सभी सीमाओं को भी बंद कर दिया गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा एक दिशा-निर्देश जारी किया गया है। जिसमें कई इलाकों में जाने से बचने के लिए कहा गया है।
प्रशासन और सरकार की कोशिश यही है कि किसी भी तरीके से इस किसान रैली को दिल्ली के अंदर घुसने नहीं दिया जाए। कहा जा रहा है कि प्रशासन ने किसानों की दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है।
क्या है किसानों की मांगें-
- स्वामीनाथन कमेटी के फार्मूले के आधार पर किसानों की आय तय हो।
- 23 सितंबर को हरिद्वार से चल रही इस किसान रैली का उद्देश्य कर्ज माफी और बिजली के दाम घटाने जैसी मांगें हैं।
- देश में किसानों के लिए पेंशन योजना लागू की जाए।
- किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाए।
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज के कर्ज मिलने की मांग रखी गई है।
- दिल्ली-एनसीआर में दस साल पुराने ट्रैक्टर के प्रतिबंध के आदेश को वापस लिया जाए।
- चीनी के उचित दाम तय किए जाएं।
- फसल की वाजिब कीमत मिले।
- मृतक किसानों के परिवार के लिए पुनर्वास की मांग।
किसानों ने सुरक्षा इंतजाम पर उठाए सवाल- किसान नेता नरेश टिकैत का कहन है कि इतनी भारी मात्रा मेंं पुलिस बल लगाया गया है। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि क्या किसान आतंकी हैं? भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष टिकैत का कहना है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ रहे थे। और हमेंं दिल्ली-यूपी सीमा पर रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी सरकार को अपनी समस्याओं के बारे में नहीं बताएंगे तो किससे कहेंगे। क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश जाएं?
राज्य सरकार से फेल रही बातचीत- दिल्ली कूच से पहले किसानों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से बातचीत की थी। सरकार ने मदद का आश्वासन दिया था। लेकिन बातचीत फेल रही है।