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पितृपक्ष में कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 10 गलतियां, जानिए इनके बारे में
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के समय स्वर्ग के सारे द्वार खुल जाते हैं. कन्यागत सूर्य के 16 दिन का पक्ष ही पितृपक्ष या फिर श्राद्धपक्ष कहा जाता है. असल में पितरों या हमारे पूर्वजों से आशिर्वाद प्राप्त करने का सबसे उत्तम दिन यही माना जाता है. ये बहुत ही आश्चर्य की बात है कि ज्यादातर लोगों को मालूम ही नहीं होता कि इन 15 दिनों में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. आधे से ज्यादा लोगों को पता तो होता है पितृपक्ष में कुछ चीजें बरानी चाहिए लेकिन क्या वो किसी को नहीं पता. पितृपक्ष के दौरान अगर कोई गलती होती है तो इसका असर हर किसी को नहीं पता होता और कभी कभी कुछ तो पता होते हैं लेकिन कुछ नहीं पता होते. पितृपक्ष में कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 10 गलतियां, अगर कर रहे हैं तो ये पूरा आर्टिकल पढ़िए और सावधान हो जाइए.
पितृपक्ष में कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 10 गलतियां
पितृपक्ष के दौरान सभी के बुजुर्ग और वे लोग जो इस संसार को छोड़कर चले गए हैं वे धरती पर आते हैं और अपने घर-परिवार के लोगों को आशिर्वाद देते हैं. मगर कभी-कभी लोगों से वो गलतियां हो जाती हैं और उसका असर उनके ऊपर पूर्वजों के क्रोध के रूप में पड़ता है. इसमें जो गलतियां करता है उसके साथ ज्यादा से ज्यादा गलत काम होने लगता है और उसका बुरा ही होता है. चलिए बताते हैं इस दौरान कौन सी गलतियां हैं जो नहीं करनी चाहिए.
1. जिसके घर में श्राद्ध का काम होता हो उसे ये पूरे दिन मांस, मदिरा और गलत चीजों के सेवन से बचना चाहिए.
2. व्यक्ति को यज्ञ, अनुष्ठान या धार्मिक संस्कार जैसे कामों को करने से बचना चाहिए.
3. जिसके घर में श्राद्ध का काम हर बार होता हो तो उसे किसी से उधार भी नहीं लेना चाहिए.
4. किसी भी व्यक्ति को नया मकान, नई जमीन या नया वाहन नहीं खरीदना चाहिए.
5. अगर मकान पुराना हो तो भी उसकी मरम्मत का काम भी नहीं शुरु करना चाहिए.
6. अगर संभव हो सके तो परिवार के हर सदस्य को नए कपड़े, गहने और किसी भी तरह की नई चीजों को खरीदने से बचना चाहिए.
7. व्यक्ति को किसी भी स्थिति में झूठ, धोखा और बेईमानी का कोई भी काम नहीं करना चाहिए.
8. इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि घर का कोई भी कोना अंधेरे में नहीं रहे.
9. अपने कुल और खानदान की मर्यादा के विपक्ष खड़े होकर ऐसा कुछ ना करें जिससे आपके पूर्वजों को शर्मिंदा होना पड़े.
10. अगर घर मे श्राद्ध आप नहीं आपके बड़े भाई करते हों फिर भी आपको भी इन नियमों का पालन करना जरूरी होता है.