रामानंद सागर की रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी की हालत हो गई है ऐसी
टीवी पर रामायण की शुरुआत रामानंद सागर ने की थी। रामानंद सागर की ‘रामायण’ साल 1987 में आई थी उस समय यह सीरियल इतना ज्यादा पॉपुलर हो गया था कि लोग इसे देखने के लिए अपने काम भी छोड़ देते थे आज भी लोगों द्वारा रामानंद सागर की रामायण बहुत पसंद की जाती है उनकी रामायण में हर किरदार लाजवाब और अनोखा था बता दें कि रामानंद सागर की रामायण में अरविंद त्रिवेदी ने रावण का किरदार निभाया था जो आज भी लोगों के जहन में है। लेकिन अब अरविंद त्रिवेदी क्या करते हैं इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि आज हम आपको उन्हीं के बारे में बताने जा रहे है।
अरविंद त्रिवेदी ने निभाया था रावण का किरादार :
रामानंद सागर में रावण का किरदार निभाने वाले व्यक्ति का नाम है। रामानंद सागर के रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी की छवि आज भी लोगों के दिमाग में बनी हुई है। इसलिए आज भी लोग अरविंद त्रिवेदी को लंकेश कहकर बुलाते हैं। अरविंद त्रिवेदी ने कभी सोचा नहीं था कि रावण का अभियन करने के बाद वो इतना मशहूर हो जाएंगे। एक समय ऐसा आया कि जब रावण का इतना अच्छा अभिनय करने के बाद उनको फिल्मों से खलनायकों के रोल भी मिलने लगे थे क्योंकि रामायण के माध्यम से पूरे देश में उनकी विलेन वाली छवि बन गई थी। आज उन्हें भारत के साथ साथ अमेरिका और कनाडा जैसे देश के लोग भी जानते है।
ऐसे मिला रावण का रोल :
रामायण के निर्देशक रामानंद सागर को रावण का किरदार निभाने वाला व्यक्ति नहीं मिल रहा था। रामानंद सागर ने रावण के किरदार के लिए करीब 300 कलाकारों का ऑडिशन लिया था। अरविंद ने जैसे ही रावण का गेटअप लिया तो रामानंद सागर ने अरविंद त्रिवेदी को देखते ही उनमें रावण की छवि नजर आयी फिर उन्होंने फौरन ऐलान कर दिया कि तुम ही मेरे रावण बनोगे, फिर क्या था रावण के रोल में गुजराती अभिनेता अरविन्द त्रिवेदी को ही कास्ट कर लिया। अरविंद त्रिवेदी के लंबे चौड़े शरीर और दमदार आवाज ने लोगों के दिलों में रावण की ऐसी छाप छोड़ी जिसे आज तक नहीं भुलाया जा सका। उनके किरदार की अदाकारी और उनके संवाद आज भी हमारे दिमाग में बसे हुए हैं।
अरविंद मूल रुप से मध्य प्रदेश के शहर इंदौर से ताल्लुकात रखते हैं। अरविंद का बचपन भी मध्यप्रदेश में ही बीता लेकिन उनकी पीढ़िया गुजरात में रही थी। अरविंद के बड़े भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजराती थियेटर के जाने माने आर्टिस्ट रहे। अपने भाई को देखकर ही अरविंद एक्टिंग की लाइन में आए थे। अरविंद त्रिवेदी ने रंगमंच पर भी काफी दिनों तक काम किया। उनको बचपन से ही उन्हें रामलीला देखने का भी शौक था और जब भी रामलीला होती थी तो वो उसे देखने जाया करते थे।
अरविंद त्रिवेदी ने रामायण के अलावा गुजरात और हिंदी की करीब 300 फिल्में की हैं। 90 के ही दशक में अरविंद ने टीवी सिरियल्स से दूरी बनाकर राजनीति ज्वाइन कर ली थी। उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा जिस में वो विजयी भी रहे। अब अरविंद त्रिवेदी की काफी उम्र हो गई है और अब वो तीर्थ यात्रियों की सेवा करते हैं और अपना ज्यादा वक्त भगवान राम भक्त की अराधना में ही लगाते हैं।