भगवान क्या है – सदगुरू जग्गी वासुदेव
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सदगुरू जग्गी वासुदेव ( Sadguru jaggi Vasudev ) विश्व के पश्चिम भाग पश्चिम में भारतीय ज्ञान को प्रसारित करते हैं। जग्गी वासुदेव आम धार्मिक एवं आध्यात्मिक गुरूओं से न केवल अलग विचार रखते हैं बल्कि अपने व्यवहार में भी उन वीचारों को अपनाते हैं। वो एक तरफ योग, आध्यात्म तथा धर्म को आडंबर से मुक्त करते हैं वहीं दूसरी और सहज एवं सरल जीवन जीने की सलाह देते हैं
wiki life of Sadguru Jaggi vasudev
सदगुरू जग्गी वासुदेव ( Sadguru Jaggi Vasudev ) कर्नाटक राज्य के मैसूर में एक तेलुगु परिवार में जन्में थे और वह अपने माता-पिता की चार संतानों में सबसे छोटे थे। केवल 11 वर्ष की आयु में ही उन्होंने योग की शिक्षा लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में डिग्री पाया है । बाइक राइडिंग पर उन की ख़ास रूचि रही एवं आगे आगे वह व्यापार भी करने लग गए. उन्होंने पोल्ट्री फार्म जैसे व्यापार भी शुरू किये
23 सितम्बर 1982 के दिन जग्गी वासुदेव को चामुण्डा पर्वत पर एक आध्यात्मिक अनुभव हुआ जिस से उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया । वो अपना व्यापार छोड़ कर जीवन में लोगों को योग की शिक्षा देने का निश्चय किया और उन्होंने इश फाउंडेशन की स्थापना की. इश फाउंडेशन धीरे धीरे विदेशों में भी फैलने लगा।
जग्गी वासुदेव के परिवार में उनकी पत्नी एवं एक लोती बेटी थी। उनकी पत्नी का देहत्याग 1996 में हो गया .जग्गी वासुदेव की बेटी राधे जग्गी एक भरतनाट्यम डांसर है।
सदगुरू जग्गी वासुदेव को खेल बहुत पसंद है। लोग उन्हें अक्सर आउटडोर गेम खेलते हुए देखते हैं . पहाड़ों पर घूमना, खेलना तथा बाइक चलाना उन्हें अच्छा लगता है।
योग सिखाने के लिए वो कोई विशेष ताम-झाम नहीं करते हैं । एक अत्यन्त साधारण शांत माहौल में शिष्यों को योग एवं जीने की कला सिखाते हैं। सदगुरू जग्गी वासुदेव के शिष्यों में न केवल भारतीय सिनेमा की बड़ी हस्तियां शामिल है बल्कि विदेशी सेलिब्रिटिज भी उन्हें फॉलो करते हैं