संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र दुनिया के राष्ट्रों का सबसे बड़ा मंच है। लेकिन इसे भी सुधार की जरूरत है, इसकी गरिमा, प्रभाव और महत्व कम होती जा रही है। इसी के आगे पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा और कहा कि भारत मेंं आतंकवाद फैलाने का पाकिस्तान आरोपी है। पिछले दिनों हुए सार्क बैठक में वार्ता प्रक्रिया को बाधित करने के आरोप को पूरी तरह से झूठा बताया और विश्व के अन्य नेताओं से सवाल पूछते हुए कहा कि हत्यारों को महिमामंडित करने वाले देश के साथ आतंकी रक्तपात के बीच वार्ता कैसे की जा सकती है।
सुषमा ने पाकिस्तान पर बोला हमला- विदेश मंत्री ने कहा कि हम पर वार्ता प्रक्रिया रोकने का आरोप है, यह पूरी तरह से झूठ है। पाकिस्तान के साथ कई बार बातचीत शुरू हुई, लेकिन अगर वो रूकी तो उसका एकमात्र कारण पाकिस्तान का व्यवहार था। उन्होंने कहा कि इमरान खान के पाकिस्तान में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और विभिन्न देशों के विदेशमंत्रियों के बीच बैठक का सुझाव दिया। भारत ने इस प्रस्ताव को स्वीकर कर लिया। लेकिन प्रस्ताव स्वीकार करने के कुछ ही घंटों बाद खबर आई कि बॉर्डर में तीन भारतीय जवानों की हत्या कर दी गई है। सुषमा स्वराज ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या यह वार्ता की इच्छा का संकेत देता है?
उन्होंने कहा कि भारत की लगभग सभी सरकारों ने शांति की हर कोशिश की है। सुषमा स्वराज ने कहा कि वे खुद भी दिसंबर 2016 में इस्लामाबाद गईं हैं और व्यापक द्विपक्षीय वार्ता की पेशकश की। लेकिन कुछ ही दिन बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने दो जनवरी को पठानकोट मेंं हमारे वायुसेना अड्डे पर हमला कर दिया। उन्होंने सभा के अन्य नेताओं से सवाल पूछते हुए कहा कि कृपया मुझे बताएं कि आतंकवादी रक्तपात के बीच हम कैसे वार्ता कर सकते हैं। पाकिस्तान आतंकवादियों के डाक टिकट जारी कर रहा है ऐसे में वार्ता संभव नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र को परिवार के सिद्धांत पर चलाने की जरूरत- सुषमा स्वराज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को मैं, कहकर नहीं चलाया जा सकता। ये प्यार से चलता है, व्यापार से नहीं। परिवार मोह से चलता है, लोभ से नहीं। उन्होंने कहा कि ये मंच हम, हमारा और सबको कहकर बना था, उसी सिद्धांत पर चलाया जाएगा तो जीवित बच सकेगा। हमें सबके सहयोग से सबके विकास के फैसले लेने होंगे।
इसी के आगे संयुक्त राष्ट्र को सुधार की जरूरत वाली बात पर उन्होंने कहा कि इस मंच को स्वीकर करना चाहिए कि इसे सुधार की जरूत है। और आज से ही सुधार किया जाना चाहिए। कल बहुत देर हो सकती है।