पीएम मोदी बोले ‘देश हित के लिए समाज और शिक्षण संस्थानों का जुड़ा रहना जरूरी’
दिल्ली के विज्ञान भवन में ऐकेडमिक लीडरशिप ऑन ऐजुकेशन रिसर्जेंस सम्मेलन आयोजित की जा रही है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें एक ऐसी इंटर लिंकिंग पर काम करना होगा कि जिससे समाज और संस्थान जुड़े रहें। उन्होंंने कहा कि अगर समाज की चुनौतियों से निपटने के लिए शिक्षण संस्थानों की मदद लें तो स्थिति भिन्न हो सकती है। उन्होंने उच्च शिक्षा को लेकर कहा कि उच्च शिक्षा में हमें उच्च विचार, उच्च आचार, उच्च संस्कार और समाज की विभिन्न समस्याओं का उच्च समाधान उपलब्ध कराना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार की ये कोशिश है कि देश की हर समस्या के लिए हर आवश्यकता के लिए शिक्षण संस्थानों को भागीदार बनाया जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार शिक्षा में निवेश पर ध्यान दे रही है। और राज्यों में शिक्षा के स्तर को सुधारने को लिए बजट बढ़ाया जा रहा है साथ ही नए नए कार्यक्रमों की भी शुरूआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्यों में शिक्षा के लिए RISE कार्यक्रम में 2022 तक 1 लाख करोड़ रूपए खर्च करने का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए हैफा जैसे कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
अपनी उपलब्धियां गिनवाते हुए पीएम ने कहा कि पिछले चार सालों में देश में उच्च शिक्षा को ध्यान में रखते हुए नए आईआईटी, आईआईएम और केंद्रीय विद्यालय खोले गये हैं। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी सरकार की ये नई नीति है जिसमें देश भर में 20 इंस्टीट्यूट ऑफ इमीनेंस खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें दुनिया के टॉप संस्थानों में जगह बनानी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम खुले विचारों के समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि हम दुनियाभर से सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को यहां बुला रहे हैं। शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों को भी अपने लक्ष्य निर्धारित करने होंगे, कि आप लोग क्या देकर जाएंगे। नई तकनीक का प्रयोग करके शिक्षा को और बेहतर बनाया जा सकता है। ये आप लोगों के बिना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आप कभी भी किसी से भी चाहे वो अमीर हो या गरीब पूछेंगे कि उसका एक सपना क्या है? तो वह बोलेगा कि मेरे बच्चे को अच्छी शिक्षा मिल जाए। और वे सपने बिना अच्छे शिक्षकों के संभव नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे अपार खुशी होगी जब यहां से निकला हुआ एक शिक्षक 50 छात्रों को वैज्ञानिक बना दे। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए समाज को जानना पहचानना भी जरूरी है। समाज की असल तस्वीर से छात्रों का परिचय जरूरी है। और ये तभी संभव है जब शिक्षा का विस्तार क्लासरूम की चौखट से बाहर तक हो।