सुषमा स्वराज ने UN को दिखाया आईना, आज के युग की चुनौतियों को समझने में नाकाम UN, सुधार की ज़रूरत
नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस समय न्यूयॉर्क में हो रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा में हैं। शनिवार को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को सम्बोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र को आईना दिखते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र को भी सुधार की ज़रूरत है। सुषमा स्वराज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र दुनिया के देशों का सबसे बड़ा मंच है, लेकिन धीरे-धीरे इसकी गरिमा, प्रभाव और महत्व काम होता जा रहा है। सुषमा स्वराज ने आगे कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधारों की आवश्यकता है और यह सुधार केवल दिखावे के लिए नहीं बल्कि ऐसे सुधा हों, जो दिल और दिमाग़ में बदलाव लाएँ।
नहीं समझ पा रही है आज के युग की चुनौतियों को:
सुषमा स्वराज ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि सुरक्षा परिषद दूसरे विश्व युद्ध के पाँच विजेताओं तक ही सीमित है। उन्होंने सवालिया होते हुए कहा कि क्या इसे आज के युग के लिए अनुकूल माना जा सकता है। जब भारत सहित विश्व का अधिकांश हिस्सा उपनिवेशवाद की गिरफ़्त में था, उस समय की बनाई गयी सुरक्षा परिषद क्या आज के युग की चुनौतियों को समझ पा रही है। सुषमा स्वराज ने कहा कि आज के समय का मुक़ाबला करना तो दूर उसकी चुनौतियों को समझ ही नहीं पा रही है।
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद में जल्द ही सुधार की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को एक परिवार सिद्धांत पर चलाए जानें की ज़रूरत है। सुषमा स्वराज ने कहा कि इसपर अधिकार जताते हुए मैं या मेरा कहकर नहीं चलाया जा सकता है। परिवार प्यार से चलता है व्यपार से नहीं, परिवार मोह से चलता है लोभ से नहीं, परिवार संवेदना से चलता है ईर्ष्या से नहीं, परिवार सुलह से चलता है कलह से नहीं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को मैं मेरा कहकर नहीं चलाया जा सकता है, ये मंच हम, हमारा और सबको कहकर बना था। यह उसी सिद्धांत पर चलाय जाएगा तो जीवित बच सकेगा। हमें सबके सहयोग से सबके विकास के फ़ैसले लेने होंगे।
सुषमा स्वराज ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र को स्वीकार करना चाहिए कि उसे मूलभूत सुधार की ज़रूरत है। स्वराज ने विश्व निकाय में सुधार में देरी के ख़िलाफ़ चेतावनी देते हुए कहा कि सुधार आज से ही शुरू होने चाहिए, क्योंकि कल बहुत देर हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि भारत इस बात में विश्वास नहीं रखता है कि संयुक्त राष्ट्र कई लोगों की क़ीमत पर केवल कुछ लोगों की सुविधा का साधन बने। संयुक्त राष्ट्र में प्रगति नहीं होने की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी निष्क्रियताओं की वजह से उन आतंकियों पर डाक टिकटें जारी करके उन्हें महिमा मंडित किया जा रहा है, जिनके सिर पर इनाम घोषित है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें भारत ने पिछले सप्ताह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी के बीच होने वाली वार्ता को रद्द कर दिया था। भारत ने कश्मीरी आतंकी बुरहान वानी की बड़ाई करते हुए पाकिस्तान का उसपर डाक टिकट जारी करना इसकी वजह बताया था। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ हम आतंकवाद से लड़ना चाहते हैं वहीं दूसरी तरफ़ हम इसे परिभाषित नहीं कर सकते हैं। सुषमा स्वराज ने आगे कहा कि जिस आतंकी के सिर पर इनाम घोषित है, उसे संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य द्वारा आज़ादी का नायक बताया जा रहा है।