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सुषमा स्वराज ने जब नज़रअन्दाज़ किया तो भड़क गए पाकिस्तानी विदेश मंत्री, कह दी ये बात

नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच क्या रिश्ते हैं, यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है। जहाँ भारत हर बार पाकिस्तान से यह उम्मीद करता रहा कि पाकिस्तान अपनी नीतियों में बदलाव करेगा और आतंकवाद पर रोक लगाएगा। वहीं हर बार पाकिस्तान भारत की सोच को झटका दे देता है। पाकिस्तान में कुछ भी बदल जाए, लेकिन पाकिस्तान की आतंकियों को मदद करने वाली सोच में कभी बदलाव नहीं आ सकता है। आए दिन पाकिस्तान अपनी असली सूरत दुनिया के सामने पेश करता है। अब तो पूरी दुनिया पाकिस्तान को आतंक के पनाहगाह के रूप में जानती है।

सबके सामने है पाकिस्तानी सेना की सच्चाई:

पाकिस्तान की इन्ही हरकतों की वजह से भारत उससे दूरी बनाकर रहता है। इसी साल जब पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ और इमरान खान प्रधानमंत्री बने तो ऐसा लगा कि अब पाकिस्तान में बदलाव होगा। क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने पहले भाषण में ऐसा ही कुछ कहा था कि अब उनका देश तरक़्क़ी के रास्ते पर चलना चाहता है। इसके लिए उन्हें आतंकवाद पर लगाम लगानी होगी और पड़ोसी देश की मदद करनी होगी, जबकि ऐसा कुछ हुआ नहीं। सच्चाई सबसे सामने है। पिछले ही दिनों पाकिस्तानी सेना ने जो किया, वह किसी से छुपा हुआ नहीं है।

पिछले कुछ दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है। दोनों देशों के बीच के इस तनाव को अमेरिका के न्यूयॉर्क में आयोजित दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की मीटिंग में भी देखा गया। बता दें यहाँ पर सदस्य देशों के विदेश मंत्रिय स्तर की बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें हिस्सा लेने के लिए भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी पहुँची हुई थीं। लेकिन बैठक में अपना भाषण देने के तुरंत बाद ही सुषमा स्वराज वहाँ से निकल गईं।

प्रगति में बाधक है एक देश का रवैया:

सुषमा स्वराज की यह हरकत देखकर पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने नाराज़गी जताई है। बता दें सुषमा स्वराज के तुरंत बाद ही पाकिस्तानी विदेश ममंत्री का भाषण भी होना था। लेकिन उससे पहले ही सुषमा स्वराज अपने अगले कार्यक्रम के लिए वहाँ से निकल गईं। यह देखकर शाह महमूद भड़क गए। उन्होंने कहा कि अगर हम इस फ़ोरम से कुछ चाहते हैं तो हमें आगे बढ़ना होगा, लेकिन यह क्या तरीक़ा है। मुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि अगर सार्क की प्रगति में कोई बाधक है तो वह एक देश का रवैया है।

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई। सुषमा स्वराज बीच में ही चली गईं। शायद उनकी तबियत ठीक नहीं थी। मैंने उनका बयान सुना, उन्होंने क्षेत्रीय सहयोग की बात की। क्षेत्रीय सहयोग कैसे सम्भव है, जब कोई बैठकर एक दूसरे की बात सुन रहा है और उसे ब्लॉक कर रहे हो। बता दें पिछले दिनों भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक इसी कार्यक्रम के लिए तय हुई थी, लेकिन भारत ने बीच में ही बैठक को रद्द कर दिया था। तब से पाकिस्तान भारत के ख़िलाफ़ हमलावर है। यहाँ तक की पाकिस्तान ने भारत को परमाणु हमले की धमकी तक दे दी।

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