नोट बंदी का असर –3 दिन में ही हवाला कारोबार तबाह, 80% की गिरावट
नई दिल्ली – मोदी सरकार के 500 और 1000 रुपये के नोटों पर बैन लगाने के बाद हवाल कारोबार में 80 प्रतिशत की गिरावट आ गई है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक तीन दिनों के अंदर खाड़ी देशों और कश्मीर घाटी के बीच एक भी हवाला ट्रांजेक्शन सामने नहीं आया है। रिपोर्ट बताती है कि ब्लैक मनी बाहर लाने के लिए नोटबंदी का फैसला असर दिखा रहा है। IB reports major crash hawala transactions.
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के मुताबिक मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद हवाला कारोबार की कमर टूट गई है और उसमें 80% तक की गिरावट दर्ज की गई है। IB की एक रिपोर्ट के मुताबिक 3 दिनों के भीतर खाड़ी देशों और कश्मीर घाटी के बीच एक भी हवाला ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है।
अंडरग्राउंड हुए हवाला ऑपरेटर्स –
नोटबंदी के फैसले के कारण दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और मुंबई में हवाला ऑपरेटर्स अंडरग्राउंड हो गए हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर घाटी में सिक्युरिटी फोर्सेज की कार्रवाई के चलते हवाला कारोबारी डर रहे हैं। हवाला ऑपरेटर्स ब्लैक मनी लेने में घबरा रहे हैं, वो ऐसा खतरा मोल लेने को तैयार नहीं हैं। गौरतलब है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सर्वे में भी इसी तरह के फैक्ट्स सामने आए हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “नोटबंदी के बाद ऑपरेटर्स के अंडरग्राउंड होने के चलते मनी लॉन्ड्रिंग थम-सी गई है।”
कश्मीर में आतंकवादी समूहों की फंडिंग बंद –
हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद आईबी और एनआईए कश्मीर घाटी में हवाला फंडिग की जांच कर रहे हैं। आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर घटी में सुरक्षा बलों की कार्रवाई के कारण हवाला कारोबारियों में डर है। वह कालेधन से घबरा रहे हैं और कोई खतरा नहीं उठाना चाहते।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार हवाला के जरिए टेररिज्म, ड्रग कारोबार को फंडिंग की जाती है। हवाला कारोबार में किसी तरह के बिल या पेपर्स का यूज नहीं होता है। ये कारोबार केवल ‘जुबान’ पर चलता है, जिसकी फीस ली जाती है। बैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किए बगैर एक जगह पर डिलिवर किया गया कैश दूसरी किसी भी जगह पर उपलब्ध करा दिया जाता है।