अद्भुत करिश्मा: इस योगी को आग भी नहीं जला पाती, आग पर लेटने के बाद भी नहीं होता बाल भी बांका
हमारा भारत देश चमत्कारों का देश माना जाता है यहां पर आए दिन कोई ना कोई चमत्कार देखने या सुनने को मिल ही जाता है, बहुत से चमत्कार ऐसे होते हैं जिनके ऊपर विश्वास करना लोगों के लिए काफी कठिन हो जाता है, आंखों से देखने के बावजूद भी लोगों को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो पाता है, कुछ इसी तरह का चमत्कार आज हम आपको बताने वाले हैं जिसको जानने के बाद आप काफी सोच में पड़ जाएंगे और हो सकता है कि आप इस बात पर यकीन भी ना करें, परंतु जो जानकारी हम देने वाले हैं यह बिल्कुल सत्य है, आप लोगों ने रामायण की कहानी तो जरूर सुनी होगी जब भगवान श्री राम जी ने माता सीता को अग्नि परीक्षा के लिए कहा था तब माता सीता ने जलती हुई आग में अपनी पवित्रता को साबित किया था और उस जलती हुई आग से माता सीता सही सलामत बाहर भी आ गई थी।
जिस प्रकार रामायण में जलती हुई अग्नि से माता सीता सही सलामत बाहर आ गई थी उसी प्रकार कलयुग में भी एक ऐसा बुजुर्ग है जो जलती हुई आग से सही सलामत आ जाता होगा, अब इस बात को जानने के बाद आप के मन में यही सवाल उठ रहा होगा कि भला कलयुग में कोई जलती हुई आग से कैसे सही सलामत आ सकता है? ज्यादातर सभी लोगों को यह सुनकर काफी हैरानी हो रही होगी और यकीन भी नहीं आ रहा होगा? क्योंकि अगर कोई व्यक्ति अग्नि के साथ खेलने की कोशिश करेगा तो आग उसको जला कर भस्म कर देगी, परंतु हमारे देश में एक ऐसा बुजुर्ग मौजूद है जो आग के बिस्तर पर बिना किसी डर के लेट जाता है और आग से खेलने के बाद भी आग उसका कुछ भी नहीं कर पाती है, इन्हीं सब कारणों से आज वह बुजुर्ग भारत के लिए किसी अजूबे से कम नहीं है।
आज हम आपको जिस बुजुर्ग के बारे में बताने वाले हैं इनका नाम रामभाऊ स्वामी है और इनकी उम्र 80 साल की है रामभाऊ स्वामी तमिलनाडु के तंजावुर के रहने वाले हैं यह आग पर इस तरह लेट जाते हैं जैसे कोई इंसान बिस्तर पर लेटता है, आग पर लेटने के बाद भी आग इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाती, सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि उनके कपड़ों में भी आग नहीं जलती है, यह 1970 से लगातार आग से खेलने का यह चमत्कार दिखाते आ रहे हैं जिसकी वजह से लोग इनको “अग्नि योगी” कह कर बुलाते हैं।
खबरों के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि रामभाऊ स्वामी ने यह चमत्कार अपने गुरु श्री राम नरेंद्र सरस्वती से सीखा था उस दौरान उनके गुरु ने इनको 32 मंत्र दिए थे जिसके प्रभाव से दहकती हुई आग में भी व्यक्ति सुरक्षित रहता है, उनके द्वारा दिखाए जाने वाले इस चमत्कार पर दुनिया के कई वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है परंतु इन सबके बावजूद भी इस राज को कोई भी नहीं समझ पाया है, जब अमेरिका के एक न्यूरोलॉजिस्ट ने रामभाऊ स्वामी की आग से खेलने की कहानी पढ़ी तो वह इस चमत्कार को देखने के लिए खुद तंजावुर आश्रम में पहुंच गया था इस चमत्कार को हकीकत जानने के लिए उसने स्वामी जी को अपने साथ में लाए हुए कपड़े पहनने के लिए दिए थे तब स्वामी जी ने उन कपड़ों को पहन कर सफलतापूर्वक अग्नि योग करके दिखाया था उनके इस चमत्कार को दुनिया तक पहुंचाने के लिए साल 2002 में एक विदेशी फिल्मकार ने डॉक्यूमेंट्री भी बनाई थी।
अगर हम रामभाऊ स्वामी जी की मानें तो उन्होंने साल 1961 में अपने गुरु के साथ मिलकर अग्नि योग का अध्ययन आरंभ किया था जब साल 1972 में उन्होंने पूरी तरह से भोजन का त्याग कर दिया तब उन्होंने सिर्फ उबलते हुए चावल और दूध का सेवन किया था 1975 में स्वामी जी ने जल भी त्याग कर दिया था यानी बिना पानी के ही वह जीवित है ऐसा कहा जाता है कि साल 1979 में स्वामी जी ने अपने गृहस्थ जीवन का भी त्याग कर दिया था यह पूरी तरह से योगी बन गए थे।