नवरात्रि पूजन सामग्री, विधि एवं संपूर्ण जानकारी
नवरात्रि पूजन सामग्री: नवरात्रि दुर्गा माँ के नो रूपों को पूजने का एक पवित्र त्यौहार है जोकि हर साल भारत में दो बार मनाया जाता है. इन नो दिनों में लोग दुर्गा देवी के अलग अलग अवतारों की अर्चना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करके अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए व्रत रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति इन नो दिनों के बीच दुर्गा माँ की भक्ति सच्चे मन से करता हेयर और उन्हें प्रसन्न कर लेता है तो दुर्गा माँ उसकी झोली खुशियों से भर देती है. आज हम आपको नवरात्रि पूजन सामग्री के बारे में बताने जा रहे हैं. क्यूंकि सही सामग्री के बिना पूजा का फल नहीं मिल पाता. ऐसे में यदि विधि विधान के अनुसार पूजन किया जाए तो माँ दुर्गा की कृपा दृष्टि सदैव हम पर बनी रहती है.
आपको बता दें कि सभी भक्ति इन नो दिनों के दौरान नवरात्रि के व्रत रखते हैं और अंतिम दिन यानी अष्टमी के दिन कन्यायों को भोजन करवा कर अपनी इच्छाएं पूरी करने की गुजारिश करते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि के इस पावन अवसर के लिए आखिर कौन कौन सी नवरात्रि पूजन सामग्री आवश्यक है और क्यूँ.
नवरात्रि पूजन सामग्री
नवरात्रि में नवरात्रि पूजन सामग्री की ख़ास महत्ता है. कहते हैं कोई भी पूजा तभी सफल हो पाती है यदि उसे पूरे विधि विधान से एवं सच्चे मन से किया जाए. ऐसे सामग्री का सही होना बेहद आवश्यक है. क्यूंकि सही सामग्री के इस्तेमाल से ही पूजा सही मायने में संपन्न मानी जा सकती है. तो चलिए जानते हैं इस नवरात्रि में आपको क्या क्या नवरात्रि पूजन सामग्री की आवश्यकता पड़ सकती है.
1. अगरबत्ती:
किसी भी पूजा में धूप या अगरबत्ती का जलाना बेहद शुभ माना जाता है कहते हैं ऐसा करने से घर में मौजूद सभी नकारात्मक ऊर्जाएं खत्म हो जाती हैं और घर में खुशियों का प्रवेश होता है.
2.
इलायची और लौंग:
ऐसा माना जाता है कि यदि कोई लेटी हुई इलाइची पर लौंग को सीधा रख दे तो वह साक्षात शिवलिंग का रूप धारण कर लेती है और इस इलाइची को सती एवं लौंग को शिव का प्रतीक माना जाता है.
3. लाल चुनरी:
लाल चुनरी सुहागन के श्रृंगार का अहम हिस्सा मानी जाती है इसलिए नवरात्रि में चुनरी का इस्तेमाल सर ढकने के लिए किया जाता है.
4. नारियल:
मंदिरों एवं पूजा स्थलों पर नारियल यानी श्रीफल को इंसान के मुख का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में दुर्गा मां को नारियल अर्पित करना मतलब अपना अस्तित्व उन्हें सौंपना है.
5. दही:
दही को पंचामृत भी कहा जाता है इसकी शुद्धता के कारण इसको पूजा की सामग्री के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है.
6. दुर्गा सप्तशती किताब:
दुर्गा सप्तशती किताब दुर्गा मां के बारे में कई विशेष बातें बताती हैं जिसको तिथि के अनुसार पढ़ना चाहिए.
7. फूल एवं माला:
कोई भी पूजा फूल की माला या फूलों के बिना अधूरी लगती है. ऐसे में नवरात्रि के इस पावन अवसर पर लाल फूलों का इस्तेमाल किया जाता है या फिर उनकी जगह पुष्पा को भी देवी मां के सम्मुख किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इन फूलों की सुगंध से देवी माँ घर में प्रवेश कर लेती हैं.
8. घास:
गणेश के पूजन में घास का महत्व खास माना जाता है इसका इस्तेमाल किस लिए किया जाता है ताकि देवी को स्थापित करने से पहले गणेश जी का आह्वाव किया जा सके.
9. गंगा जल:
गंगा जल को सबसे पवित्र जल माना जाता है. पूजन समय मूर्ति को स्नान करवाने के लिए गंगा जल का इस्तेमाल किया जाता है.
10. गुलाल:
कहते हैं दुर्गा मां को गुलाल की सुगंध काफी आकर्षित करती है इसलिए गुलाल का इस्तेमाल हर नवरात्रि में सदियों से किया जा रहा है.
अन्य आवश्यक सामग्री
- इस पूजन में पांच प्रकार के खास फलों को देवी मां को अर्पित किया जाता है.
- हवन की अग्नि को बढ़ाने के लिए शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जाता है.
- पूजन के लिए सामग्री में हरी चूड़ियां भी शामिल की जाती हैं.
- शहद पंचामृत का एक हिस्सा है जो कि हमारी वाणी में सदा मिठास कायम करता है इसलिए शहद का इस्तेमाल भी सूजन में किया जाता है.
- दुर्गा मां की मूर्ति
- कपूर, कुमकुम एवं दूध
- लाल धागा
- पान के पत्ते
- चावल, रोली और चंदन
- सुपारी और चीनी