राफ़ेल डील पर कांग्रेस की नयी कोशिश, सीएजी के बाद सीवीसी से भी करेगा जाँच की अपील
राफ़ेल डील के मुद्दे पर विवाद थमता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। जहाँ एक तरफ़ भाजपा ख़ुद को इस मुद्दे से बचाने की कोशिश में लगी हुई है, वहीं कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक तौर पर भुनाने में लगी हुई है। राफ़ेल डील के मुद्दे पर कांग्रेस आर-पार के मूड में दिखाई दे रही है। कांग्रेस इस मुद्दे पर लगातार अपनी पकड़ मज़बूत बनाए हुए है। वह किसी भी तरह से मोदी सरकार को घरेने की कोशिश में लगी हुई है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने नया फ़ैसला किया है।
जानकारी के अनुसार कांग्रेस अब इस मुद्दे को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के दरबार में जाँच के लिए ले जा रही है। कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस सीवीसी से इस डील की स्वतंत्र जाँच कराने की माँग कर सकती है। बता दें पिछले सप्ताह कांग्रेस ने देश के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) से मुलाक़ात की थी। कांग्रेस ने सीएजी से सौदे में कथित अनियमितता पर एक रिपोर्ट तैयार करने और उसे संसद में पेश किए जानें का अनुरोध किया था। कांग्रेस नेताओं ने रविवार को कहा कि पार्टी इसी तरह अनुरोध करने के साथ ही इस सम्बंध में भ्रष्टाचार का एक मामला भी दर्ज कराने की माँग करेगी।
झूठ बोलना बंद करें जेटली और मोदी:
राफ़ेल मुद्दे पर राहुल गांधी आए दिन अपना हमला तेज़ करते जा रहे हैं। कांग्रेस ने अपना हमला इस मुद्दे पर तेज़ करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोपनीयता की शपथ का उलंघन किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अब समय आ गया है कि, वित्त मंत्री अरुण जेटली और प्रधानमंत्री मोदी झूठ बोलना बंद करें। इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने सच्चाई सामने लाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जाँच कराने पर ज़ोर दिया है।
भाजपाई नेता भी उठाने लगे हैं आवाज़:
कुछ दिनों पहले ही राफ़ेल डील पर बढ़ते विवाद को देखते हुए फ़्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रांस्वा ओलांद सामने आए। एक फ़्रेंच न्यूज़ को अपना इंटरव्यू देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने फ़्रांस के ऊपर ज़बरदस्ती अनिल अम्बानी का नाम थोपा है। उनके इस बयान के सामने आने के बाद से देशभर में खलबली मच गयी और कांग्रेस ने अपना हमला भी काफ़ी तेज़ कर दिया ओलांद के इंटरव्यू की कॉपी को देश के जानें-मानें वक़ील प्रशांत भूषण ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार से कई सवाल भी पूछे थे। यही नहीं अब तो कई भाजपा नेता भी भाजपा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने लगे हैं।
किसी भी क़ीमत पर रद्द नहीं होगी राफ़ेल डील:
वित्त मंत्री अरुण जेटली इस मामले में लगातार सरकार का बचाव कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को एक इंटरव्यू देकर साफ़ कर दिया कि, राफ़ेल सौदा बिलकुल साफ़ है। यह किसी भी क़ीमत पर रद्द नहीं किया जाएगा। जेटली ने विपक्ष के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। अरुण जेटली पहले ही कह चुके हैं कि सीएजी इस राफ़ेल के दाम की जाँच करेगी, लेकिन यह डील जारी रहेगी। आपको बता दें कांग्रेस लगातार भाजपा पर यह आरोप लगा रही है कि भाजपा ने इस डील को बदल दिया है। यूपीए सरकार में एक राफ़ेल विमान का सौदा लगभग 590 करोड़ में हुआ था वही एनडीए सरकार में एक राफ़ेल विमान का सौदा लगभग 1600 करोड़ में हुआ है।