छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले ही राहुल की उम्मीदों पर मायावती ने फेरा पानी, जानिए क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर मायावती की पार्टी बसपा और अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जोगी) ने गठबंधन का एलान कर दिया है। इसे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मद्देनजर बड़ा झटका माना जा रहा है वहीं बीजेपी इसे अवसर के रूप में देख रही है। कुछ लोग मान रहे हैं कि राहुल गांधी सहयोगी विपक्षी दलों को साथ लाने में असफल रहे हैं। इस घटनाक्रम को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है।
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनावों का असर 2019 के आम चुनाव में भी पड़ेगा। ऐसे में मायावती ने छत्तीसगढ़ से दूरी बनाकर ये दिखाया है कि वो एक मजबूत दावेदार हैं। विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में बहुजन समाज पार्टी को अपने पाले में लाने के लालयित थे। हालांकि छत्तीसगढ़ मेंं अजित जोगी के साथ गठबंधन के बाद मायावती ने एलान कर दिया है कि वो मध्यप्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेंगे।
जोगी और मायावती का गठबंधन- अजित जोगी छ्त्तीसगढ़ की राजनीति में पिछले करीब दो दशकों से सक्रिय हैं। और उन्हें जुझारू और चालाक नेताओं की गिनती में गिना जाता है। भले ही राहुल गांधी इस समय पूरे देश में विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहें हों। लेकिन अजित जोगी ने बहुत ही चालाकी से मायावती को अपने पाले में ले लिया है। और राहुल गांधी मायावती के साथ गठबंधन करने में विफल रहे हैं। माना जा रहा है कि जोगी-मायावती के गठबंधन से स्पष्ट रूप से कांग्रेस को नुकसान होगा
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता भी इसे नुकसान के रूप में देख रहे हैं। कांग्रेस नेता ये मानते हैं कि करीब दो दर्जन से अधिक सीटों पर नुकसान होगा। इसके अलावा मायावती के मध्यप्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने के निर्णय को भी कांग्रेस अपने नुकसान के रूप में ही देख है। जैसा कि ज्ञात है छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है। ऐसे में जोगी-माया का गठबंधन मजबूत होगा।
राहुल गांधी पहले भी खा चुके हैं धोखा- इससे पहले राहुल गांधी कर्नाटक, झारखंड और त्रिपुरा में भी विपक्षी दलों को साथ लाने में चुके थे। कर्नाटक मेंं जेडीएस के साथ चुनाव न लड़ना, बड़ी चूक थी। हालांकि त्रिशंकु विधानसभा के बाद बीजेपी को सत्तासीन होने से रोकने के लिए कांग्रेस ने गठबंधन किया था। उसका नुकसान हुआ कि कांग्रेस को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा। इसके अलावा झारखंड विधानसभा चुनाव मेंं जेएमएम का कांग्रेस से अलग होकर लड़ना भी बीजेपी के लिए फायदेमंद ही रहा था।
बीजेपी और मोदी के विरुद्द विपक्ष को एकजुट करने से राहुल गांधी विफल रहे हैं। इसका परिणाम ये हुआ है कि अभी तक विपक्ष के गठबंधन का साफ साफ चित्र सामने नहीं आया है।