अगर आप भी शनि देव के प्रकोप से बचना चाहते हैं तो अपनाएँ ये 4 उपाय!
हिन्दू धर्म ग्रन्थ के अनुसार शनि देव न्यायधीश हैं, वो इंसान के सभी अच्छे- बुरे कर्मो की सुनवाई करते हैं और उसी के अनुरूप उन्हें फल देते हैं। इंसान के बुरे कर्मो की वजह से उन्हें बुरे फल भुगतने पड़ते हैं और अच्छे कर्म की वजह से अच्छे फल मिलते हैं इनका फैसला शनि देव ही करते हैं। अक्सर लोगों के मन में यह गलत धारणा बनी रहती है कि शनि देव बहुत ही गुस्सैल देवता है और लोगों को कष्ट ही देते हैं, यह बात पूरी तरह से गलत है। शनि देव जब खुश होते हैं तो अपने भक्तों को मनचाहा वरदान भी देते हैं। हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करने वाले व्यक्ति को शनि देव कभी भी परेशान नहीं करते हैं। रामायण काल में यह वरदान हनुमान जी को खुद शनि देव ने दिया था।
अगर किसी की कुंडली में शनि देव प्रतिकूल स्थान पर बैठे हों तो उन्हें बहुत ही कष्टों का सामना करना पड़ता है। लेकिन परेशान होने की जरुरत नहीं है आप कुछ उपायों को अपनाकर शनि देव को अनुकूल स्थिति में ला सकते हैं। आइये जानते हैं कौन से हैं वो उपाय।
4 उपाय जिससे शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है:
1. काली गाय की पूजा:
अपनी साढ़ेसाती को कम करने के लिए आप काली गाय की पूजा करें। एक काली गाय को ढूंढकर उसको तिलक लगायें। उसके सिंग पर धागा बांधे और उसकी विधिवत पूजा करें। ऐसा करने से आपके जीवन में शनि देव का बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
2. घोड़े की नाल:
अगर आपसे शनि देव रुष्ट हैं तो उनको मनाने के लिए आप एक काले घोड़े के नाल की तलाश करें। आप इस नाल को ले जाकर किसी लुहार से इसकी एक अंगूठी बनवा लें। अंगूठी बन जाने के बाद इसे शुक्रवार को दूध में भिंगोकर पूरी रात रखें। अगली सुबह इसे अपनी ऊँगली में धारण कर लें। इसका प्रभाव आपको कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा और आपके सारे कष्ट भी जल्द ही ख़त्म हो जायेंगे।
3. काला चना:
अगर आपके ऊपर शनि देव का प्रकोप है और उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं तो आप काला चना शुक्रवार की रात को भिगो दें। शनिवार की सुबह भींगा हुआ चना, काला कोयला, हल्दी, लोहे का एक टुकड़ा लें और इन सबको एक काले कपड़े में बाँध लें। बंधी हुई पोटली को बहते हुए पानी वाली नदी में फेंक दें, लेकिन एक बात का ध्यान जरुर रखें की आप जिस नदी में इसे फेंक रहे हैं उसमे मछलियाँ होनी चाहिए। यह काम आप हर शनिवार को करें जल्द ही आपको अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा।
4. कच्चा सूत:
अगर आप शनि देव के प्रकोप से परेशान है तो आप हर शनिवार को पीपल के एक पेड़ के चारो तरफ कच्चा सूत लेकर सात बार लपेटें। याद रखें सूत को लपेटते समय आप शनि देव के मन्त्रों का जाप ना करना भूलें। ऐसा करने से आपकी साढ़ेसाती के साथ ही साथ आपके जीवन के सारे कष्ट भी जल्दी ही दूर हो जायेंगे। एक बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें। सूत लपेटने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें और दीपक जलाएं।
शनि देव को तेल चढ़ाते वक़्त आप इस मन्त्र का जाप करें:
नमस्ते कोणसंस्थाय पिडगलाय नमोस्तुते। नमस्ते बभ्रुरूपाय कृष्णाय च नमोस्तु ते।।
। नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चान्तकाय च। नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो।।
नमस्ते यंमदसंज्ञाय शनैश्वर नमोस्तुते। प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च।।
वैदिक शनि मंत्र:- ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
पौराणिक शनि मंत्र:- ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
तांत्रिक शनि मंत्र:- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः