४००० रुपये बदलवाने के लिए बैंक पहुंचे राहुल गाँधी, खड़े हो गए लाइन पर, देखें फिर क्या हुआ ?
मंगलवार की रात कई लोगों के लिए कष्ट की रात थी, तो कई लोगों के लिए ख़ुशी लेकर आयी थी। दरअसल हुआ ये कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुराने 500 और 1000 के नोट को बदलने का फरमान सुना दिया। प्रधानमंत्री ने इतना कठोर निर्णय देश में जाली नोटों के कारोबार और काला धन पर अंकुश लगाने के लिए लिया था। इसके बाद जनता में हडकंप मच गयी। सभी लोगों को एक ही चिंता सताने लगी कि अब उनका क्या होगा। जिनके पास कुछ नहीं था वो तो चैन की बंसी बजा रहे थे। लेकिन जिनके घरों में काला धन भरा हुआ था, मानो जैसे उनकी साँसे ही किसी ने छीन ली हों।
इसी में से एक हैं राहुल गाँधी, जो दिखावे के लिए जनता के बीच 4000 रुपये बदलने के लिए बैंक के बाहर लाइन लगा के खड़े थे। राहुल ने यह कहा कि वह जनता के दर्द को महशूस करना चाहते थे, इसलिए आज वो बैंक के बाहर लाइन में खड़े हैं। प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद जनता को कितनी परेशानी हो रही है, इसे साफ़ तौर पर देखा जा सकता है।
आपको बता दें शुक्रवार से सभी बैंक एटीएम शुरू कर दिए गए हैं। इसी वजह से हर बैंक एटीएम के आगे सैकड़ों की संख्या में लोग पैसे निकालने के लिए जमा हो गए हैं। दिल्ली में यह नजारा अलग ही देखने को मिल रहा है। यहाँ पर कई बैंक एटीएम के सामने जमा भीड़ आपस में लड़ भी रही है। दिल्ली में पार्लियामेंट स्ट्रीट का नजारा ही सबसे अलग देखने को मिला है। आखिर हो भी क्यों ना, कांग्रेस के लाड़ले राहुल गाँधी जो लोगों के बीच नौटंकी करते हुए दिखे हैं।
दरअसल राहुल गाँधी वहाँ की एसबीआई शाखा में पहुँचे और वहाँ पर लोगों की भीड़ देखकर गुस्से से लाल- पीले पड़ गए। फिर राहुल ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके एक फैसले से जनता को कितनी दिक्कत हो रही है, इसका अंदाजा उनको नहीं है। मैं जनता का दर्द महशूस कर रहा हूँ, इसलिए लाइन में इनके बीच लगा हुआ हूँ। राहुल ने कहा कि वह 4000 रुपये बदलने यहाँ आये हुए थे, उन्हें देखकर लोगों को अन्दर खड़ा कर दिया, जबकि वह लाइन में ही रहना चाहते हैं। इस फैसले से देश की गरीब जनता को कितनी दिक्कत हो रही है।
जब मीडिया कर्मियों ने उनसे यह पूछा कि सरकार के इस फैसले पर आप क्या कहना चाहेंगे? तो उन्होंने कहा कि आप लोग इस बात को नहीं समझ सकते हैं। देश के करोड़पति भी इस बात को नहीं समझ पाएंगे। देश की गरीब जनता ही भुगत रही है। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि सरकार को इस फैसले में थोड़ा समय लेना चाहिए था, जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है।