बीजेपी प्रवक्ता का कांग्रेस पर बड़ा वार, ‘कांग्रेस और करप्शन एक दूसरे के पर्याय’
कांग्रेस के संकटमोचक और कर्नाटक सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज किए गए धनशोधन के मामले में बीजेपी ने अब कड़े रूख अख्तियार किए हैं। बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस के दफ्तर में किलो और टनों के हिसाब से हवाला का रूपया पहुँचता था। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस और करप्शन अब एक नाम हो गए हैं। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना हिसाब वाला लेन देन, हवाला का भ्रष्ट रूपया और भ्रष्टाचार, वे स्तंभ हैं जिस पर कांग्रेस टिकी है।
क्या कहा संबित पात्रा ने-
संबित पात्रा ने डीके कुमारस्वामी मामले में कहा कि ईडी का चार्जशीट का मामला हमने देखा। उन्होंने कहा कि डीके कुमारस्वामी के धन शोधन का मामला कांग्रेस मुख्यालय तक जुड़े हैं। इसकी पूरी जांच की जाएगी। दस्तावेजों के साथ खुलासा होगा। पात्रा ने कहा कि हमारे पास शिवकुमार के चालक का बयान मौजूद है। जिसने बताया है कि कैसे किलो के हिसाब से पैसे भरकर AICC(कांग्रेस मुख्यालय) तक पहुंचाया गया।
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि बैंगलोर व कर्नाटक के अन्य शहरों से पैसे भर भर कर दिल्ली के चांदनी चौक तक लाया जाता था। इसके बाद इसे AICC तक पहुँचाया जाता था। पात्रा ने कहा कि अब समझ आया कि कांग्रेस नोटबंदी के दौरान क्यों रो रही थी।
क्या है पूरा मामला- धनशोधन और कर चोरी के मामले में कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार पर ईडी ने कोर्ट में एक आरोप पत्र दाखिल किया है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला शिवकुमार पर कथित रूप से कर चोरी और मनी लांड्रिंग के मामले में दर्ज किया गया है। इस मामले में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय शिवकुमार सहित नई दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन के कर्मचारी हनुमंता से भी पूछताछ करेगी।
अंजनैया हनुमंता ने किए कई खुलासे-
हनुमंता ने डीके शिवकुमार को लेकर कई खुलासे किए हैं। हनुमंता का नाम सामने आने का कारण था कि जब 2017 में शिवकुमार के ठिकानों पर छापे मारे जा रहे थे। इसी दौरान उनके दिल्ली स्थित घर से करीब 8 करोड़ रूपए बरामद किए गए। जिसकी चाबी हनुमंता के पास थी। हनुमंता ने बताया कि फ्लैटों से बरामद सारे पैसे डीके शिवकुमार के हैं। ये पैसे कभी किसी आदमी से तो कभी राजेंद्रन के पास से आता था। राजेंद्रन कर्नाटक में सेवानिवृत अधिकारी हैं। हनुमंता ने बताया कि हर महीने 2 से 3 करोड़ रूपया आ जाता था। और दिल्ली में फ्लैट खरीदने का एक मात्र कारण इन पैसों को रखना था। पैसे आने के बाद डीके शिवकुमार के इशारों पर इधर उधर बांटे जाते थे। हनुमंता ने बताया कि पैसों के लेनदेन के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता था। जैसे 65 लाख रूपया के लिए 65 किलोग्राम शब्द का इस्तेमाल होता था।