बिल गेट्स ने कहा भारत में बच्चों के स्वास्थ्य में हो रहा सुधार, लेकिन अभी और बजट बढ़ाने की जरूरत
किसी भी देश के विकास में उसके मानव संसाधन का बहुत ही बड़ा योगदान होता है। अगर देश के लोग स्वस्थ्य होते हैं तो बेहतर काम करते हैं, जिससे देश की तरक़्क़ी में वो अपना योगदान दे पाते हैं। किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ्य कैसा रहेगा, इसका निर्धारण बचपन से ही होता है। अगर बचपन अच्छा हो तो व्यक्ति का जवानी में भी स्वास्थ्य अच्छा होता है। लेकिन कई देशों में बच्चे जन्म लेते ही दम तोड़ देते हैं। ऐसे में उस देश के विकास की कमर ही टूट जाती है।
साल दर साल स्वास्थ्य में हो रहा है सुधार:
सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनी माइक्रोसॉफ़्ट के संस्थापक एवं समाजसेवी बिल गेट्स ने मंगलवार को कहा कि भारत में साल दर साल बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। हालाँकि उन्होंने पोषण बेहतर करने और मौत से छुटकारा पानें के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा अधिक से अधिक धन निवेश करने की ज़रूरत पर भी बल दिया है। आपको बता दें कुछ समय पहले तक भारत में शिशु मृत्यु दर बहुत ही ज़्यादा थी। इस वजह से भारत इस मामले में अन्य देशों की तुलना में काफ़ी पीछे हो गया था।
लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही अनेक योजनाओं की मदद से देश में स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ बेहतर हुई हैं। भारत अब धीरे-धीरे प्रगति के मार्ग पर चल रहा है। मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से देश में कई अहम बदलाव किए, जिसकी वजह से आज यह स्थिति बनी है। बिल गेट्स ने आगे कहा कि भारत में टीकाकरण की पहुँच दर भी काफ़ी बेहतर हुई है एवं नए टीकों का बड़ा प्रभाव हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें बिल एंड मेलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन के प्रमुख से संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि, भारत में बच्चों का स्वास्थ्य साल दर साल बेहतर हो रहा है।
अभी भी कुपोषण की समस्या हल करने में बहुत पीछे है भारत:
उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार और राज्यों के कई नेता टीकाकरण की पहुँच को बेहतर करने जैसी चीज़ों के लिए श्रेय के पात्र हैं। स्वास्थ्य एवं शिक्षा के बारे में राय पूछे जानें पर गेट्स ने कहा कि जब उन्होंने और उनकी संस्था ने बिहार और उत्तर प्रदेश में काम करना शुरू किया था, तब टीकाकरण की पहुँच की दर 40 प्रतिशत से भी नीचे थी। इस वजह से हज़ारों बच्चों की बेवजह मौत हो रही थी। गेट्स ने कहा कि कई सारी चीज़ें बेहतर होने के बाद भी कुपोषण की समस्या को हल करने में भारत काफ़ी पीछे है।
बिल गेट्स ने आगे कहा कि, मैं यह कहना चाहूँगा कि केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र को दिया जानें वाला बजट उस स्तर से काफ़ी कम है जो हमें लगता है कि पोषण बेहतर करने और मौतों से छुटकारा पानें के लिए आवश्यक है। हालाँकि अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो चीज़ें सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि भारत की नयी डिजिटल संरचना ने ग़रीबी, स्वास्थ्य और शिक्षा की मुख्य चुनौतियों से निपटने के कुछ अच्छे अवसर दिए हैं।