ए.के एंटनी का सरकार पर बड़ा हमला ‘ डील सस्ती हुई तो सिर्फ 36 ही राफेल क्यों खरीदें?’
राफेल को लेकर लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो रही कांग्रेस ने आज फिर से जबरदस्त हमला किया है। इस बार कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी सामने आए। और उन्होंने सरकार से राफेल को लेकर बड़ा सवाल पूछा और कहा कि अगर यूपीए के दौर से सस्ता विमान खरीदा गया तो फिर विमान की संख्या 126 के बजाए 36 ही क्यों है। उन्होंने कहा “रक्षा मंत्री इस सौदे को यूपीए से 9 प्रतिशत सस्ता बताती हैं। जबकि वित्त मंत्री इसे 20 प्रतिशत सस्ता बताते हैं और वायुसेना के पूर्व अधिकारी इसे 40 प्रतिशत सस्ता बताते हैं। अगर ये इतना ही सस्ता है तो यह 126 विमान ही क्यों खरीदा गया?
क्या कहा एंटनी ने-
पूर्व रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से कई सवाल किए। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा को देखते हुए 126 से ज्यादा विमानों की जरूरत है। लेकिन मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया है। 126 विमानों की खरीद का प्रस्ताव डिफेंस एक्वीजिशन कांउसिल के पास किया था। और इसे कोई भी घटा नहीं सकता। फिर प्रधानमंत्री को संख्या घटाने की अनुमति किसने दी?
पूर्व रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने कहा कि जब हमारी सरकार थी तो राफेल करार लगभग पूरा हो चुका था। फिर एनडीए की सरकार ने अप्रैल 20115 में 36 राफेल विमान खरीदने का फैसला किया। जब एयरफोर्स ने 126 मांगे थे तो इसे 36 क्यों किया गया, इसका जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए।
HAL की छवि हुई धूमिल- पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सच्चाई छिपाती हैं। एंटनी ने कहा कि- “सीतारमण कहती हैं कि HAL में विमानों को बनाने क्षमता नहीं है। जबकि एचएएल को नवरत्ना के दर्जे का सम्मान प्राप्त है। एचएएल 70 साल पुरानी कंपनी है। वो 30 से अधिक तरह के लगभग 4000 से अधिक जहाज बना चुकी है। जिसमें सुखोई-30 भी शामिल है।
एंटनी ने कहा कि एचएएल एनडीए की सरकार में घाटे में चल रही है। जबकि यूपीए के दौरान एचएएल मुनाफा कमाने वाली कंपनी थी। रक्षा मंत्री के बयान से HAL की प्रतिष्ठा दुनिया भर में कम हुई है। अब एचएएल जैसी कंपनी को बैंकों से लोन लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच सीवीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति करे। और पूरे जांच प्रक्रिया की जानकारी संसद में रखे।
राहुल गांधी ने भी किया था हमला- राहुल गांधी इस मुद्दे पर कई बार मोदी सरकार पर हमला बोल चुके हैं। कल मध्यप्रदेश में संकल्प यात्रा के दौरान भी उन्होंने राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया। और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जानबूझकर HAL से विमान बनाने का अधिकार छीना और अपने मित्र अंबानी को दिया।