भागवत ने कहा संघ हमेशा तिरंगे का सम्मान करता है, हम लोगों को जोड़ना चाहते हैं, उनपर थोपना नहीं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का तीन दिवसीय मंथन शिविर दिल्ली में शुरू हो चुका है। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए देशभर के गणमान्य पहुँच रहे हैं। यहाँ राष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों पर संघ के मुखिया मोहन भागवत अपने विचार रखेंगे। बता दें आरएसएस के इस कार्यक्रम में नेताओं-अभिनेताओं के पहुँचने का सिलसिला जारी है। पीपी चौधरी, राम माधव, नरेंद्र जधव, अमर सिंह और ए सूर्यप्रकाश कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुँच गए हैं।
इसके साथ ही बॉलीवुड हस्तियों में से नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी, निर्देशक मधुर भंडारकर, अनु मलिक, अन्नू कपूर और मनीषा कोईराल भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुँचे हैं। इस कार्यक्रम का आग़ाज़ करते हुए संघ प्रमुख मोहन भगवात ने कहा कि संघ के कार्यकर्ता बिना किसी प्रचार के अपना कार्य करते हैं। हालाँकि उन्हें अलग-अलग माध्यमों से पब्लिसिटी मिल ही जाती है, जिसकी कई बार आलोचना भी होती है। मोहन भागवत ने आगे कहा कि मुझे जैसी जानकारी है, उसी के आधार पर अपना नज़रिया पेश करने आया हूँ। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे देखते हैं।
कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम में निभाई अहम भूमिका:
संघ जो कुछ भी करता है वह बहुत ख़ास होता है और तुलना से परे भी होता है। संघ की एक विशिष्ट पहचान है और यह लोगों के बीच ही प्रसिद्ध हुआ है। मोहन भागवत ने कार्यक्रम में कहा कि पूरे हिंदू समाज को एक करने के लिए ही संघ की स्थापना हुई। सबसे बड़ी समस्या यहाँ का हिंदू है। अपने देश का पतन हमारे पतन से आरम्भ हुआ। हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है, इसकी घोषणा हेडगेवार ने की। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक बड़ा रोल निभाया और भारत को कई महान हस्तियाँ दी।
भगवान ध्वज के नीचे हम लोग करते हैं गुरु दक्षिणा का कार्यक्रम:
तिरंगे के बारे में अपनी राय रखते हुए भागवत ने कहा कि संघ हमेशा ही तिरंगे का सम्मान करता है। स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हर निशानियों से प्रत्येक स्वयंसेवक दिल से जुड़ा हुआ है। लेकिन भगवा ध्वज को हम अपना गुरु मानते हैं। हर साल इसी ध्वज के सामने हम लोग गुरु दक्षिणा का कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं। हम इस देश में संघ के दबदबे की भी कोई मंशा नहीं रखते हैं। भागवत ने कहा कि वो लोगों को जोड़ना चाहते हैं, उनपर थोपना नहीं। संघ के विचारों को वह सबके साथ बाँटना चाहते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें तीन दिवसीय इस कार्यक्रम का केंद्र हिंदुत्व होगा।
कार्यक्रम के तीनों दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न समसामयिक विषयों पर अपनी राय रखेंगे। इस कार्यक्रम में 700-750 मेहमान आने की सम्भावना है। बता दें मेहमानों में से लगभग 90 प्रतिशत लोग संघ से जुड़े हुए नहीं है। कार्यक्रम के शुरुआत के दो दिनों तक मोहन भागवत अपने विचार प्रस्तुत करेंगे, जबकि कार्यक्रम के आख़िरी दिन वह लोगों के सवालों का जवाब देंगे। इस दौरान मोहन भागवत लगभग 200 से ज़्यादा सवालों के जवाब देंगे। बता दें इस कार्यक्रम में राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह को भी निमंत्रण भेजे जानें की बात की जा रही थी। हालाँकि कांग्रेस ने संघ की तरफ़ से ऐसा कोई निमंत्रण मिलने से इनकार किया है।