अध्यात्म

इस वजह से एकदशी के दिन नहीं खाना चाहिए चावल, विज्ञान और आध्यात्म दोनो करते हैं पुष्टि

इस दुनिया में कई धर्म हैं और उस धर्म में आस्था रखने वाले लोग उसके नियमों का पालन करते हैं, धर्म में कही गयी हर एक बात का अच्छे से पालन करते हैं, ताकि ईश्वर उनसे नाराज़ ना हो जाए। ठीक उसी तरह से हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग भी अपने धर्म के अनुसार कई नियमों का पालन करते हैं। जिन चीज़ों को धर्म में वर्जित माना गया है, वो काम करने से बचते हैं। इसके अलावा जिस चीज़ को करने के बारे में कहा गया है, उसे सबसे ज़्यादा करते हैं। इसमें कई तरह की पूजा और व्रत आदि शामिल हैं।

भगवान विष्णु का सबसे प्रिय व्रत होत है एकादशी:

इन्ही में से हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है एकादशी। हिंदुओं में इस व्रत का महत्व बहुत ज़्यादा होता है। हर साल 24 एकादशी पड़ती है, लेकिन जिस साल मलमास लगता है, उस साल इसकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। एकादशी के बारे में कहा जाता है कि यह भगवान विष्णु का सबसे प्रिय व्रत होता है। इसी वजह से भगवान विष्णु के भक्त एकादशी का व्रत रखकर उनके सभी अवतारों का ध्यान करते हुए पूजा-पाठ करते हैं।

एकादशी के दिन सात्विकता का पालन होता है ज़रूरी:

हर व्रत के अपने कुछ ख़ास नियम-क़ानून होते हैं। ठीक उसी तरह से एकादशी व्रत के भी नियम क़ानून हैं। जिनका पालन करना बहुत ज़रूरी होता है। इस दिन सात्विकता का पालन करना बहुत ज़रूरी होता है। इसका मतलब एकादशी का व्रत करने वालों और हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों को लहसुन, प्याज़, माँस, मछली, अंडा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही एकादशी के व्रत में चावल भी नहीं खाना चाहिए। एकादशी में चावल के सेवन से आख़िर क्यों मना किया जाता है? इसके पीछे क्या वजह है, आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

चावल खाना होता है महर्षि मेधा के रक्त के सेवन के बराबर:

आपकी जानकारी के लिए बता दें पौराणिक कथाओं में इसका ज़िक्र किया गया है। इसके अनुसार माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने अपने शरीर का त्याग कर दिया था और उनका अंश पृथ्वी में समा गया था। इसके बाद महर्षि मेधा चावल और जौ के रूप में धरती से उत्पन्न हुए। यही वजह है कि चावल और जौ को जीव के तौर पर माना जाता है। महर्षि मेधा का अंश जिस दिन पृथ्वी में समाया, उस दिन एकादशी थी। चावल और जौ को जीव माना जाता है, इसी वजह से इस दिन चावल के सेवन को वर्जित माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि चावल खाना महर्षि मेधा के माँस और रक्त का सेवन करने जैसा है।

हालाँकि यह तो एकादशी के दिन चावल ना खाने का धार्मिक दृष्टिकोण हुआ। अब विज्ञान के अनुसार एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाना चाहिए, इसके बारे में जानते हैं। विज्ञान के अनुसार चावल में पानी की सबसे ज़्यादा मात्रा पायी जाती है। इसके सेवन से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ती है। जिसकी वजह से व्यक्ति का मन चंचल और मन विचलित होता है। इस वजह से एकादशी के व्रत में उसका मन नहीं लगता है। उनके मन में अजीबो-ग़रीब ख़याल भी आते हैं। इसी वजह से एकादशी के दिन चावल खाने से मना किया जाता है।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/ agen slot gacor
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy7bet https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/ dreamplay77 oneplay77 monte77
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor jp slot gacor slot thailand https://www.lanuovaguida.it/ slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://repdtrackingsystem.basc.edu.ph/ https://qread.basc.edu.ph/ https://confirms.basc.edu.ph/ https://officialstore.it.com/ https://ecourse-lpug.gunadarma.ac.id/data/ https://unilinkindia.com/ https://161.35.239.72/ https://64.23.174.29/ https://rosalindwilliams.com/ https://zygmarketing.site/ https://leaderships.la/ http://www.oyo-hotel-ciater.epizy.com/data/ https://akuview.com/ https://www.akarta.es/ https://www.jamesjoyceristopub.it/ https://banarasiniketan.com/index.php
https://biolinku.co/galaxy77bet https://biolinku.co/agen77bet https://biolinku.co/marvel77 https://biolinku.co/taipan77 https://biolinku.co/republik77 https://biolinku.co/pegasusplay77 https://biolinku.co/playwin77 https://biolinku.co/darumaplay77 https://biolinku.co/asiaplay17 https://heylink.me/galaxy77bet+/ https://duniabiru.lol/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy77bet alexis17