प्रेंगनेंसी ही नहीं इन 5 वजह से भी होती है मॉर्निंग सिकनेस, जानिए इससे राहत पाने के घरेलू उपाय क्या है?
अक्सर यह सुना जाता है कि मॉर्निंग सिकनेस की समस्या सिर्फ गर्भवती महिलाओं में आती है। लेकिन ऐसा नहीं है, मॉर्निंग सिकनेस की समस्या किसी को भी हो सकती है। ये बात कोई जरूरी नहीं कि मॉर्निंग सिकनेस सिर्फ गर्भवती महिलाओं को ही हो। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। मॉर्निंग सिकनेस जैसा कि नाम से पता चल रहा है कि सुबह सुबह उठने के बाद कमजोरी महसूस होना या आलस आना।
सुबह की कमजोरी की समस्या से अक्सर लोग गुजरते हैं। रात भर चैन की नींद लेने के बाद हर कोई यही चाहता है कि सुबह की शुरूआत ताजगी के साथ हो। कहा जाता है कि सुबह शाम की हवा लाख रूपयों की दवा। सुबह उठते ही यह हवा हमें ताजगी और फ्रेशनेस का अहसास देता है। जबकि उठते ही बेचैनी, उठने का मन नहीं करना, सुबह सुबह उठने के दौरान सुस्ती होना ये सभी मॉर्निंग सिकनेस के प्रमुख लक्षण हैं। सुबह की कमजोरी का एक प्रमुख लक्षण चिड़चिड़ापन भी है। तो चलिए जानते हैं कि सुबह की कमजोरी के क्या क्या वजह हैं। और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
- शारीरिक कमजोरी– यह मॉर्निंग सिकनेस का सबसे बड़ा कारण है। शरीर की क्षमता से अधिक काम करना, शरीर में जरूरी विटामिन या पोषक तत्वों की कमी आदि के कारण शरीर कमजोर पड़ जाता है। इसके लिए जंक फूड का सेवन छोड़ दें। और संतुलित आहार लें। जरूरी विटामिन और पोषक तत्वों के लिए दूध, अंडा, हरी सब्जी आदि का सेवन भी कर सकते हैं।
- तनाव- आज कल के भागम भाग जिंदगी में तनाव एक आम समस्या बनकर उभरी है। काम के अधिक बोझ और प्रतियोगिता के इस दौर में तनाव का अधिक होना आम बात है। तनाव से शरीर में भूख की कमी होने लगती है। इससे नींद भी कम आती है और शरीर को कम आराम मिलता है। इन्हीं सब वजह से शरीर उर्जावान नहीं रहता और आप थका थका महसूस करते हैं। ये मॉर्निंग सिकनेस का एक बड़ा कारण है।
- एनीमिया– एनीमिया मतलब शरीर में लाल रक्त कणों की कमी यह शरीर को कमजोर बना देती है। लाल रक्त कणों का काम है कि वह फेफड़ों से अॉक्सीजन से लेते हैं और कोशिकाओं को सप्लाई करते हैं। लाल रक्त कणों के कमी से कोशिकाओं को ठीक से अॉक्सीजन नहीं मिल पाता है। जिसकी वजह से शरीर नींद पूरी करने के बाद भी थका थका रहता है। नींद न आना, सांस फूलना और थके थके रहना जैसी समस्या से गुजर रहे हैं तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। यह शरीर में खून की कमी का भी लक्षण हो सकता है।
- थॉयराइड- थॉयराइड हार्मोन्स का संतुलित रहना स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक है। इसके बिगड़ने से शरीर का चयापचय भी प्रभावित होता है। इस बीमारी से पीड़ित लोग भी सुबह उठते ही थका हुआ महसूस करते हैं। थॉयराइड हार्मोन्स जब बिगड़ जाते हैं तो यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। इस कारण से शरीर का मसल्स थका रहता है। जिस कारण सुबह की कमजोरी होती है।
- जोड़ों का दर्द– जोड़ों का दर्द भी एक ऐसी समस्या है। जिस कारण से पर्याप्त मात्रा में शरीर को नींद नहीं मिल पाती इस कारण से सुबह उठते ही कमजोरी महसूस होने लगती है।
मॉर्निंग सिकनेस से बचने के उपाय-
- बिस्तर से उठते ही तुरंत चलने फिरने की कोशिश करने से मार्निंग सिकनेस से बचा जा सकता है।
- सुबह का नाश्ता न छोड़ें
- अदरक की चाय भी इस समस्या से छुटकारा दिला सकती है।
- सही मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी लेने से भी इस समस्या से बचा जा सकता है।
- प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ को अपने डाइट में शामिल करें।
- थोड़ी थोड़ी देर में कुछ कुछ खाते रहें। इस उपाय से भी मॉर्निंग सिकनेस से बचा जा सकता है।
- शरीर में पानी की कमी न होने दें।