महिला की डिलीवरी के बाद सामने आया ऐसा सच, डरकर बेहोश हो गईं अस्पताल की 3 नर्सें
गाजियाबाद – कहा जाता है कि डॉक्टर भगवान का रुप होता है और वह किसी मरीज को बचाने के लिए पूरी मेहनत करता है। शायद इसी वजह से लोग डॉक्टर पर पूरा भरोसा करते हैं और उसे अपनी बीमारी से जुड़ी सारी बातें बता देते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि उस वक्त एक डॉक्टर कैसा महसूस करेगा जब उसे पता चले की उसके मरीज ने उससे ऐसी बात छुपाई है जो उसकी जान के लिए खतरनाक हो सकती है तो उसपर क्या बीतेगी। आज हम आपको एक ऐसे ही मामले के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल, ये मामला गाजियाबाद का है, जहां एक महिला अस्पताल में बृहस्पतिवार रात डिलीवरी के आई। रिपोर्ट के मुताबिक, गर्भवती महिला एचआईवी पॉजिटिव थी।
खबर के मुताबिक, गाजियाबाद के एक अस्पताल में बृहस्पतिवार रात करीब एक बजे मसूरी थाना क्षेत्र की एक महिला को डिलीवरी के लिए लाया गया। महिला को उस वक्त काफी तेज लेबर पेन हो रहा था। इसके बाद रात में अस्पताल में मौजूद स्टाफ महिला को सीधे लेबर रूम में ले गये। कुछ देर बाद स्टाफ ने बताया कि महिला की डिलीवरी करा ली गई है औ उसने पुत्र को जन्म दिया है। इसके बाद जो हुआ वो डॉक्टर और वहां के स्टाफ के लिए बिल्कुल डराने वाली बात थी। दरअसल, डिलीवरी के बाद स्टाफ ने पहले से चल रही दवाओं के बारे में जानने के लिए मेडिकल फाइल देखी।
जिसके बाद ये बात सामने आई कि गर्भवती महिला एचआईवी पॉजिटिव है। ये बात परिजनों ने बताया। इसके बाद क्या था जिला महिला अस्पताल की दो नर्स व एक चतुर्थ श्रेणी महिलाकर्मी खुद को एचआइवी संक्रमण न हो जाये इसलिए घबराकर बेहोश हो गईं। इस मामले में हैरान करने वाली बात ये है कि महिला को जब प्रसव पीड़ा के चलते जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया उस वक्त महिला एचआइवी संक्रमित थी, लेकिन उसके परिजनों ने ये बात अस्पताल के स्टाफ या डॉक्टरों से छुपा ली।
महिला की हेल्थ रिपोर्ट देखने के बाद 3 नर्से बेहोश हो गई। उसकी रिपोर्ट में जो लिखा था उसे देखकर डॉक्टर तक भी हैरान रह गए। महिला एचआईवी पॉजिटिव थी और परिजनों ने यह बात छुपाई। डिलीवरी के बाद जब इसके बारे में खुलासा हुआ तो अस्पताल का स्टाफ नाराज हो गया जिसके बाद पुलिस को बुलाकर मामला शांत कराया गया। बता दें कि एड्स पीड़ित महिला की डिलीवरी के लिए स्टाफ स्पेशल किट का इस्तेमाल करता है। लेकिन, इस मामले में पहले से जानकारी न होने के कारण नार्मल डिलीवरी करनी पड़ी।
जिसकी वजह से नर्सों में इस बात का डर था कि कहीं एड्स जैसी खतरनाक बिमारी से वो भी न संक्रमित हो जाये। मेडिकल जांच रिपोर्ट से पता चला कि महिला एचआइवी संक्रमित थी जो दवा वह हाल में खा रही थी वह बच्चे को संक्रमण से बचाने लिए थी। लेकिन, इसके बारे में अस्पताल को नहीं बताया गया। इस मामले में डॉ. दीपा त्यागी ने कहा कि महिला या उसके परिजनों ने उसके एचआइवी संक्रमित होने के बारे पहले से बता दिया होता तो उसे और बेहतर व्यवस्था दी जाती। फिलहाल महिला और उसका बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। हालांकि, स्टाफ के बेहोश होने की बात की अभी तक पुष्टि नहीं हो सकी है।