इन देशों में करेंसी की जो हालत है, उसके आगे रुपए की स्थिति बहुत अच्छी, जानिए
भारतीय रुपए की हालत डॉलर के मुक़ाबले हर रोज़ ख़राब होती जा रही है। ऐसे में देश को काफ़ी चिंता के दौर से गुज़रना पड़ रहा है। भारतीय रुपए की हालत ने गिरावट के नए रिकार्ड को बना लिया है। सोमवार को डॉलर के मुक़ाबले रुपया 72.67 रहा। यह अब तक का सबसे निचला स्तर है। केवल यही नहीं जानकारों का कहना है कि अभी रुपए की हालत और भी ख़राब होने वाली है। मंगलवार को रुपए ने थोड़ी बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की इसके बाद भी रुपया 72 के पार ही बना हुआ है।
देशभर में लगातार रुपए की गिरावट को लेकर हंगामा मचा हुआ है। जहाँ एक तरफ़ कांग्रेस सरकार पर रुपए की गिरावट की वजह से निशाना साधे हुए है, वहीं तेल की बढ़ती क़ीमतों की वजह से भी केंद्र सरकार मुश्किल में फँसी हुई है। गिरते रुपए की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था के सामने कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि गिरते मूल्यों की इस रेस में केवल रुपया ही अकेला नहीं है। अन्य देशों की मुद्राएँ भी हैं, जिनमें तेज़ी से गिरावट आ रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें अगर हम पिछले पाँच सालों का आँकड़ा देखें गो रुपया केवल 15.52 फ़ीसदी ही टूटा है। जबकि कई अन्य देशों की मुद्राएँ 100 फ़ीसदी तक गिर चुकी हैं। डॉलर में आ रही लगातार मज़बूती, कच्चे तेल की बढ़ती क़ीमत और तुर्की और वेनेज़ुएला में जारी आर्थिक संकट ने कई देशों की मुद्राओं की कमर तोड़ कर रख दी है। इसी वजह से कई देशों की मुद्राएँ लगभग बर्बाद हो गयी हैं। पिछले 5 सालों के दौरान अर्जेंटीना की मुद्रा पेसो में सबसे ज़्यादा गिरावट देखी गयी है।
आपको जानकर यक़ीन नहीं होगा कि पिछले 5 सालों के दौरान अर्जेंटीना की मुद्रा पेसो डॉलर के मुक़ाबले 546.72 फ़ीसदी गिरी है। मुद्राओं के गिरने के मामले में दूसरे नम्बर पर तुर्कीश लीरा है। तुर्कीश लिरा डॉलर के मुक़ाबले पिछले 5 सालों में 221 फ़ीसदी गिरी है। रूस की करेंसी रबल भी इसी लिस्ट में हैं। डॉलर के मामले में गिरने वाली मुद्राओं में रूस का रबल तीसरे स्थान पर है। रबल में पिछले 5 सालों के दौरान 117.41 फ़ीसदी की गिरावट देखी गयी है। इसके बाद ब्राज़ील की मुद्रा रियल 84 फ़ीसदी नीचे गिरी है।
मुद्राओं के गिरने के मामले में दक्षिण अफ़्रीका की रैंड 51.42 फ़ीसदी, मेक्सिकन पेसो 47.15 और इंडोनेशियाई रुपया 28.17 फ़ीसदी नीचे गिरा है। वहीं अगर रुपए की बात की जाए तो रुपए में इस दौरान केवल 15.52 फ़ीसदी की गिरावट देखी गयी है। वहीं चीन की मुद्रा 12 फ़ीसदी नीचे गिरी है और सिंगापुर डॉलर 9.63 फ़ीसदी तकि नीचे गिरे हैं। इस तरह डॉलर के मुक़ाबले में कमज़ोर होने वाला केवल भारतीय रुपया ही नहीं बल्कि अन्य देशों की मुद्राएँ भी हैं। दुनियाभर में अलग-अलग देशों के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी हो रही हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर तैयार हो रहे हालातों की वजह से परेशानी और बढ़ती जा रही है।