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संबित पात्रा का भारत बंद को लेकर आरोप, नेशनल हेराल्ड केस को दबाने के लिए कांग्रेस ने किया यह सब
नई दिल्ली: सोमवार को कांग्रेस के भारत बंद के बाद कांग्रेस पर भाजपा ने जमकर निशाना साधना शुरू कर दिया है। इसको लेकर राजनीति गरमाई हुई है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने नेशनल हेराल्ड मामले में हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार की भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टोलरेंस की जीत है। इसके साथ ही संबित पात्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि कांग्रेस के भारत बंद के पीछे असली वजह यही थी। कांग्रेस नेताओं को यह बात मालूम थी कि नेशनल हेराल्ड केस में निर्णय उनके ख़िलाफ़ आने वाला है।
भारत बंद को संबित पात्रा ने जोड़ दिया नेशनल हेराल्ड केस से:
इसी बात को ध्यान में रखते हुए जनता को भटकाने के लिए कांग्रेस ने भारत बंद का आह्वान किया था। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भारत बंद को नेशनल हेराल्ड केस से जोड़ दिया। इसपर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाल ने भाजपा पर हमला बोला और कहा कि भारत बंद की सफलता से मोदी सरकार हिल गयी है। केंद्र सरकार अब बदने की भावना से काम कर रही है। सुरजेवाल ने कहा कि हमारी पार्टी सरकार की गीदड़ भभकियों से डरकर नेशनल हेराल्ड को छापना बंद नहीं करने वाली है।
बढ़ गयी है कांग्रेस की मुश्किलें:
आपको बता दें सोमवार को भारत बंद के बीच में ही दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस चेयर पर्सन सोनिया गांधी को बड़ा झटका दिया। नेशनल हेराल्ड मामले में हाईकोर्ट ने नेशनल हेराल्ड आयकर नोटिस देने के मामले में राहत देने से इनकार कर दिया है। इससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि, इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी के फँसने की भी सम्भावना है। जस्टिस एस रवीन्द्र भट्ट और हस्तित्स ए के चावला की खंडपीठ ने इस मामले में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, ऑस्कार फ़र्नांडिस की अपील ख़ारिज कर दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कार फ़र्नांडिस के बाद दो विकल्प हैं। पहली यह की हाईकोर्ट के आदेश पर अब ये आयकर विभाग में पेश हों और अपनी दलीलें और तथ्य रखे और दूसरी यह की ये सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएँ। जानकारी के लिए बता दें यह मामला 2011-12 का है। उस समय राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कार फ़र्नांडिस ने अपने आयकर रिटर्न फ़ाइल कर दिए थे। लेकिन 2018 में आयकर विभाग द्वारा इस रिटर्न की फ़ाइल की फिर से जाँच करने का नोटिस आ गया।
विभाग का कहना है कि इन तीनों ने नेशनल हेराल्ड के नवजीवन ट्रस्ट के हाथों टेकओवर का ज़िक्र अपने रिटर्न में नहीं किया। इसलिए नेशनल हेराल्ड के आय का मामला सामने नहीं आया। आयकर विभाग के इसी नोटिस को राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कार फ़र्नांडिस ने चुनौती दी थी। कांग्रेस ने यह दलील दी है कि नवजीवन एक चैरिटेबल ट्रस्ट है, जो नो प्रॉफ़िट नो लॉस पर आधारित है। ऐस एमे आय किस बात की। इसलिए इसका ज़िक्र करना ज़रूरी नहीं था। आपको बता दें नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के ऊपर आपराधिक मामला दिल्ली की ज़िला अदालत पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहा है। इस केसम में दोनो अभी ज़मानत पर हैं।