हाजरों साल से हिंदू हो रहे प्रताड़ित, होना होगा एकजुट: मोहन भागवत
शिकागो: अमेरिका के शिकागो में विश्व हिंदू सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुओं को एकजुट होना होगा। सम्मेलन में मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुओं को एलजुत होकर मानव कल्याण के लिए आक मारना होगा। आपको याद होगा एक ऐसे ही व्यक्ति थे जिन्होंने भारत से जाकर अमेरिका में हिंदू धर्म और हिंदुत्व पर भाषण दिया था और पूरे विश्व को चौंका दिया था। जी हाँ हम बात कर रहे हैं स्वामी विवेकानंद की।
धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगाँठ के मौक़े पर आयोजित विश्व हिंदू सम्मेलन में लगभग 2500 लोगों को सम्बोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू समाज में सबसे ज़्यादा प्रतिभावान लोग हैं। लेकिन हिंदू समाज के लोग कभी भी एक साथ नहीं आते हैं। मोहन भागवत ने साफ़-साफ़ कहा कि हिंदुओं का साथ आना बहुत ही मुश्किल है। आपको बता दें भारत एक हिंदू राष्ट्र माना जाता है, हालाँकि यहाँ कई अन्य धर्मों के लोग भी रहते हैं, लेकिन सबसे ज़्यादा संख्या हिंदुओं की ही है।
हिंदू भूल चुके हैं अपने मूल सिद्धांतों का पालन करना:
न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, मोहन भागवत ने अपने सम्बोधन के दौरान यह भी कहा कि हज़ारों साल से हिंदू प्रताड़ित हो रहे हैं। क्योंकि हिंदू अपने मूल सिद्धांतों का पालन करना और आध्यात्मिकता को भूल चुके हैं। भागवत ने ज़ोर देते हुए कहा कि हिंदुओं को एक साथ आना होगा, तभी उनका कल्याण हो पाएगा। यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि भारत में हिंदुओं के ऊपर बहुत अत्याचार हुए हैं। कई बार उन्हें विदेशी आक्रमणकारियों का शिकार होना पड़ा। पहले मुग़लों ने हिंदू धर्म को भ्रष्ट करने की कोशिश की, उसके बाद अंग्रेज़ों ने भी हिंदुओं को प्रताड़ित किया।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी करेंगे शिरकत:
आपकी जानकारी के लिए बता दें 11 सितम्बर 1893 में भारत के स्वामी विवेकानंद ने शिकागों में आयोजित विश्व धर्म संसद में एक ऐसा ऐतिहासिक भाषण दिया था, जिसे लोग आज तक याद रखे हुए हैं। इसी भाषण की 125वीं वर्षगाँठ के अवसर पर विश्व हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया है। बता दें शिकागों में यह सम्मेलन 7-9 सितम्बर तक चलेगा। जानकारी के अनुसार शिकागो में आयोजित विश्व हिंदू सम्मेलन में भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी शिरकर करेंगे।
अक्सर लोग एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना भूल जाते हैं:
भागवत ने विश्व हिंदू सम्मेलन में सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे मूल्य ही आज के समय में सार्वजनिक मूल्य बन गए हैं। इसे ही इन्दु मूल्य कहते हैं। चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, हम आध्यात्मिक गुरु हैं। मोहन भागवत ने आगे कहा कि जीवन में पैसा ही सबकुछ नहीं होता है। हमारे पास ज्ञान-बुद्धि है, लेकिन हमें अपने संस्कार नहीं भूलने चाहिए। हमलोग अक्सर एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना भूल जाते हैं। भारत के लोग विश्व के कई देशों में रहते हैं। विदेशों में भी हिंदू धर्म को मनाने वाले काफ़ी लोग हैं। भागवत ने जो कहा कि हिंदू समाज में सबसे ज़्यादा प्रतिभावान लोग हैं, उनका मतलब भारतीय लोगों से था। यह बात सभी लोग जानते हैं कि भारतियों का दिमाग़ दुनिया में सबसे बेहतर दिमाग़ माना जाता है।