काशी में स्थित इन मंदिरों के दर्शन मात्र से कष्ट होते हैं दूर, भक्तों की इच्छाएं होती है पूरी
हमारे भारत देश में बहुत से मंदिर मौजूद हैं जो अपनी अपनी किसी विशेषता या रहस्य के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है वैसे हमारा देश धार्मिक देश माना जाता है आपको हर गली में कोई ना कोई मंदिर अवश्य मिल जाएगा और सभी हिंदू धर्म के घरों में मंदिर अवश्य होते हैं यह पूजा पाठ करने के लिए अपने घर में छोटा सा मंदिर अवश्य बनाते हैं भारत में ऐसे बहुत से मंदिर हैं जो अपने चमत्कारों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित वाराणसी को स्वयं भगवान शिव जी की नगरी कहा जाता है इस स्थान पर बहुत से प्रमुख तीर्थ स्थल मौजूद है और यहां पर बहुत से मंदिर और धार्मिक स्थल भी स्थित है।
वैसे देखा जाए तो उत्तर प्रदेश मैं काशी की धरती बहुत ही पवित्र मानी जाती है ऐसा माना जाता है कि इस धरती पर अंतिम सांस लेने वाले व्यक्ति को स्वर्ग नसीब होता है और वह शिव लोक में स्थान प्राप्त करता है काशी नगरी में आकर सभी भक्तों की इच्छाएं पूरी हो जाती है और इस स्थान के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि जो भक्त यहां पर आता है वह कभी भी खाली हाथ लौटकर नहीं जाता है काशी की पावन धरती पर ही महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी आज हम आपको इस लेख के माध्यम से काशी के उन मंदिरों के विषय में जानकारी देने वाले हैं जहां पर दर्शन करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और सभी कष्टों का अंत होता है।
आइए जानते हैं काशी के इन मंदिरों के बारे में
महावीर मंदिर
वाराणसी में वरुणा पार अर्दली बाजार टकटपुर में स्थित महावीर मंदिर व्यक्तियों की आस्था का केंद्र बना हुआ है यह मंदिर भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी का है ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन मात्र से ही मनुष्य के जीवन में सभी कष्टों का अंत हो जाता है और भक्तों का स्वास्थ्य ठीक रहता है इसके साथ ही धन संपदा की प्राप्ति होती है वाराणसी के इस मंदिर में स्थापित प्राचीन मूर्ति को राजा अर्जुन के द्वारा निर्माण करवाया गया था जब भक्तों की इच्छा पूरी हो जाती है तब भक्त इस मंदिर में आकर हनुमान जी को प्रसाद अर्पित करता है अगर भक्तों की कोई मनोकामना पूरी नहीं हो पाती है तो उस मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए काशी के इस मंदिर में माथा टेकने आ सकते हैं।
बनकटी हनुमान मंदिर
जब तुलसीदास जी ने काशी में प्रवास किया था तो उस दौरान अपने पूज्य हनुमान जी के अनेक मंदिरों की स्थापना करवाई थी जिन मंदिरों में से एक बनकटी हनुमान मंदिर भी है ऐसा बताया जाता है कि दुर्गा कुंड में स्थित इस मंदिर के आसपास का क्षेत्र पहले घना जंगल हुआ करता था और जंगल के बीचो-बीच हनुमान जी की मूर्ति पाई गई थी इस मूर्ति को ही बनकटी हनुमानजी के नाम से जाना जाता है काशी प्रवास के दौरान खुद तुलसीदास जी रोजाना बनकटी हनुमान जी के दर्शन किया करते थे और तुलसीदास से हनुमानजी कोढी के रूप में मिलने आए थे ऐसा माना जाता है कि अगर कोई भक्त लगातार 41 दिनों तक बनकटी हनुमान जी के दर्शन कर लेता है तो उसकी सभी इच्छा पूरी होती है।
कलयुग में हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं और उनके जीवन को खुशहाल बनाते हैं ऐसी स्थिति में आप काशी के इन दोनों मंदिरों के दर्शन करने आ सकते हैं यह दोनों मंदिर किसी पुण्य तीर्थ से कम नहीं है अगर आप अपनी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं तो इस मंदिरों में जरूर आएं।