ताजमहल से भी पुरानी प्रेम कहानी है इस जगह की, रानी ने बनवाया था राजा के लिए
हमारे देश में ऐसे बहुत से स्थान हैं जो अपनी किसी ना किसी विशेषता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है आप सभी लोग आगरा के ताजमहल के बारे में तो जानते ही होंगे ताजमहल लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है यह प्रेम की निशानी मानी जाती है ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में इसका निर्माण करवाया था दुनिया भर से लोग ताजमहल को देखने आते हैं परंतु ताजमहल से भी पुरानी प्रेम की निशानी एक और मौजूद है जी हां, आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं इस प्रेम कहानी में राजा नहीं है बल्कि रानी ने अपने राजा की याद में एक स्मारक का निर्माण करवाया था।
दरअसल, हम जिस स्मारक की बात कर रहे हैं इस स्मारक का उल्लेख इतिहास में लक्ष्मण मंदिर के नाम से है यह छत्तीसगढ़ के सिरपुरा में स्थित है यह स्मारक एक पत्नी की अपने पति के प्रति प्रेम की निशानी है इसका निर्माण 635-640 ईस्वी में राजा हर्ष गुप्त की निशानी में रानी वासटा देवी ने कराया था करीब 11 सौ वर्ष पहले शैव नगरी श्रीपुर में मिट्टी के ईंटो से बने स्मारक में यह कहानी अभी भी भारत के इतिहास के पन्नों पर स्थान प्राप्त करने के लिए अपने वजूद की लड़ाई लड़ने में लगी हुई है लक्ष्मण मंदिर की सुरक्षा और संरक्षण का कोई विशेष प्रबंध नहीं है परंतु इन सबके बावजूद भी मिट्टी की ईंटों से निर्मित यह स्मारक 1400 सौ बाद भी पहले जैसे ही है।
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि भारतीय इतिहास में ताजमहल एक प्रेम की निशानी के रूप में काफी प्रसिद्ध है यह कहानी बहुत पुरानी है शाहजहां ने ताजमहल को अपनी बेगम मुमताज के लिए बनवाया था परंतु अभी कुछ दिनों पहले ही छत्तीसगढ़ के अंदर हुए एक सम्मेलन में इस बात का सबूत दिया गया है कि राज्य में हुई एक खुदाई के अंदर इस बात को सिद्ध करने के लिए सबूत को रखा गया है इस बात की जानकारी छत्तीसगढ़ सरकार ने वेबसाइट पर दी है पवित्र महानदी के तट पर बसा सिरपुरा छत्तीसगढ़ की संस्कृति ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत की अनमोल धारा है पुराने समय में यह सिरपुरा के नाम से विख्यात था।
ऐसा बताया जाता है कि जब यहां पर पुरातत्व विभाग ने खुदाई आरंभ करी तो यहां से एक अद्भुत खजाना सबके सामने आया जो एक कभी ना खत्म होने वाली श्रृंखला थी इस खुदाई के दौरान अनेक संपदा छत्तीसगढ़ की इस समृद्ध धरा के गर्भ से बाहर निकल गई थी सिरपुरा में अब तक 17 शिव मंदिर 8 बौद्ध विहार तीन जैन विहार एक राज महल पुजारियों के आवास और विस्तृत व्यवसाय केंद्र के अवशेष मिले हैं और इन्हीं में से एक रानी और राजा की प्रेम कहानी है जो ताजमहल की कहानी से भी काफी पुरानी बताई जा रही है।
छत्तीसगढ़ की सरकार जल्दी से जल्दी इसी कोशिश में लगी हुई है कि यह बात जितनी जल्दी हो सके सबके सामने लेकर आया जाए और यह बात अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच जाए अगर आपको इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करनी है तो आप छत्तीसगढ़ सरकार की टूरिज्म वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं यहां पर इसके बारे में आपको सभी जानकारियां मिल जायेंगीं।