वीडीओ देखें: तेजस विमान: पलक झपकते ही करता है अचूक वार, कैसे छुड़ाएगा दुश्मनों के छक्के
नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 82 हजार करोड़ रुपए के रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि इस बार ज्यादातर खरीद परियोजनाएं देश में निर्मित सामग्री की हैं। इसके साथ ही रक्षा सौदों में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों को काली सूची में डाले जाने की नीति में बदलाव किया गया है। Tejas to be inducted in Indian Air Force.
नई नीति में कंपनियों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के प्रावधान को हटाया गया है। सोमवार को हुई इस खरीद समिति की बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर भी मौजूद थे।
स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस वायुसेना में शामिल –
रक्षा मंत्रालय द्वारा 82 हजार करोड़ रुपए के रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी देने के साथ ही 83 लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस मार्क वन ए वायुसेना में शामिल हो गया है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में सोमवार रक्षा खरीद परिषद की बैठक में ये फैसला हुआ है। देश का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस वायुसेना के बेड़े में शामिल हो चुका है।
सबसे खौफनाक लड़ाकू विमान है तेजस –
लड़ाकू विमान तेजस पूरी तरह से स्वदेशी है और अब तक का सबसे खौफनाक लड़ाकू विमान है जो अब भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गया है। तेजस का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल्स लिमिटेड ने किया है।
वायुसेना की योजना अगले साल मार्च तक इसके बेड़े में छह तेजस शामिल करने की है। इसके बाद आठ और तेजस बेड़े में शामिल किए जाएंगे। यानि 2018 तक 18 विमान यानि पहला स्क्वाड्रन पूरा हो जाएगा। इसके बाद ही तेजस को किसी फॉरवर्ड एरिया में तैनात किया जाएगा। तेजस वायुसेना में मिग-21 की जगह लेगा। तेजस के वायुसेना में शामिल होने से वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। तेजस की लंबाई 13.2 मीटर और ऊंचाई 4.4 मीटर है। तेजस का वजन 6,560 किलोग्राम है। इसके विंग्स 8.2 मीटर चौड़े हैं।
50 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ने में भी सक्षम –
तेजस विमान की सबसे बड़ी खासियत इसका हल्का वजन और इसकी तेज रफ्तार है। तेजस फाइटर जेट 2200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आसमान का सीना चीरता है। इसकी वजह ये है कि इसका कुल वजन 6540 किलोग्राम है और हथियारों से पूरी तरह लैस होने पर ये करीब 10 हजार किलोग्राम का हो जाता है जो भारत के दूसरे लड़ाकू विमानों से कम है। तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ने में भी सक्षम है।
तेजस में सिर्फ एक इंजन है और इसमें सिर्फ एक पायलट बैठ सकता है। निचले हिस्से में एक साथ 9 तरह के हथियार लोड और फायर किए जा सकते हैं। इन हथियारों में हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, हवा से धरती पर मार करने वाली मिसाइल, हवा से पानी पर हमला करने वाली मिसाइल, हवा से हवा में दूसरे लड़ाकू विमानों को मारने वाली लेजर गाइडेट मिसाइल, रॉकेट और बम से लैस है।
दुश्मन के छुड़ाएगा छक्के –
तेजस में लगे लेजर गाइडेड बम दुश्मन के ठिकाने पर सटीक निशाना लगा सकते हैं। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन से लेकर देश की किसी भी सरहद पर तेजस अपनी तेजी से दुश्मन के छक्के छुड़ा सकता है। इसके अलावा आसमान में तेजस हर तरह की कलाबाजी दिखा रहा है। तेजस को सीसीएम यानि क्लोज कॉम्बेट मिसाइल और बीबीएम बियॉन्ड विसुअल रेंज मिसाइल भी लैस किया गया है।
विमान का ढांचा भी भारत में बने कार्बन फाइबर से बना है जो कि धातु की तुलना में कहीं ज्यादा हल्का और मजबूत होता है। 600 से ज्यादा बार उड़ान भरने वाले पाइलट ग्रुप कैप्टन आर आर त्यागी ने बताया कि तेजस पर विमान में लगे सामान्य सिस्टम जिसमें ईंधन प्रबंधन से लेकर स्टीयरिंग तक सब भारत में ही निर्मित हैं। एक महत्वपूर्ण सेंसर तरंग रडार, जो कि दुश्मन के विमान या जमीन से हवा में दागी गई मिसाइल के तेजस के पास आने की सूचना देता है, भारत में ही बना है।
एक बार में 3000 किलोमीटर की दूरी तय करता है तेजस –
तेजस आवाज की दोगुनी रफ्तार से उड़ान भरने वाले तेजस की खूबी ये है कि ये एक बार में 3000 किलोमीटर की दूरी तय करता है। इसमें हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है। इसमें अमेरिकी कंपनी जीई का ताकतवर इंजन लगाया गया है। इजराइल से खरीदे गई अत्याधुनिक एल्टा रडार तकनीक इस पर दुश्मन के रडारों की नजर नहीं पड़ने देती। यानी ये चुपचाप दुश्मन पर हमला कर देता है।
सबसे बड़ी बात ये है कि अगर पायलट विमान पर काबू ना रख पाए तो इसमें लगे कम्प्यूटर खुद विमान को संभाल लेते हैं। भारतीय वायुसेना तेजस को अपने बेड़े का हिस्सा बनने के लिए 30 साल के ज्यादा वक्त से इंतजार कर रही थी। वो सपना अब पूरा हुआ है लेकिन देरी ने तेजस को बेहद महंगा बना दिया है।
अगले पेज पर देखिए तेजस लड़ाकू विमान कि खूबियों का विशेष वीडियो –
तेजस का मुकाबला चीन के मल्टीरोल फाइटर जेएफ-17 थंडर से –
भारत में बने लड़ाकू विमान तेजस और चीन और पाकिस्तान द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए गए मल्टीरोल फाइटर जेएफ-17 थंडर पहली बार एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि जेएफ-17 थंडर की तुलना में तेजस में आधा दर्जन से भी ज्यादा खूबियां हैं। रक्षा उत्पाद बनाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र की बेंगलुरु स्थित कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का दावा है कि फिलहाल 15 तेजस विमान उड़ान भर रहे हैं जिनमें से कई प्रोटोटाइप हैं और बाकी परीक्षण विमान हैं।
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ के अनुसार आंतरिक तुलना के आधार पर कहें तो तेजस अगर जेएफ-17 थंडर से बेहतर नहीं है तो उसके जैसा तो है ही। दोनों विमानों के इंजन एक जैसे हैं। जेएफ-17 में क्लिमोव आरडी93 इंजन का प्रयोग किया गया है जबकि तेजस में जीई-एफ404-आईएन20 इंजन लगा है।