ट्रेन की पुरानी बोगियों का क्या होता है हाल ? जानिए इन 14 तस्वीरों के जरिए
हम जिस ट्रेन में बैठकर देश के कई राज्यों और शहरों में आराम से घूम आते हैं उन बोगियों में हमें सुख-सुविधा की सारी चीजें मिलती हैं. बहुत लंबे समय से ट्रेन का सिलसिला चला आ रहा है. एक रेल कोच जिसे आम बोलचाल में लोग बोगी कहते हैं जिसका इस्तेमाल एक ट्रेन में 25 से 30 साल के लिए किया जाता है. इसके बाद वे इस्तेमाल के लायक नहीं होते हैं. फिर उन्हें कबाड़ में या फिर किसी एकांत की जगहों में रख दिया जाता है या फिर अगर वो ठीक हो सकता है तो फिर रेलवे वर्कशॉप में उसे Modify होने के लिए भेज दिया जाता है. अगर वो मो़डिफाई नहीं हो पाते तो उसे जरूरत के हिसाब से उस कोच को इस्तेमाल किया जाता है. इनकी सीट्स निकालकर इन्हें किचन या फिर बेडरूम में भी परिवर्तित कर दिया जाता है, फिर इन बोगियों को रेलवे ट्रैक्स की मेंटेनेंस में लगे कर्मचारियों को दे दिया जाता है. ऐसे कोच को Camp Coaches भी कहा जाता है और ये कर्मचारी इंडियन रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के अंतर्गत काम करते हैं. ट्रेन की पुरानी बोगियों का क्या होता है हाल ? आपके इस सवाल का जवाब आपको नीचे दी गई तस्वीरों के जरिए मिल जाएगा.
ट्रेन की पुरानी बोगियों का क्या होता है हाल ?
इन बोगियों को रेल लाइन की मरम्मत के लिए बहुत लंबी दूरी तय करनी होती है, इसलिए रेलवे उनके रहने और खाने का इंतजाम इन्हीं कोचेज़ में देती है. आज हम आपको Camp Coaches के अंदर की कुछ तस्वीरें दिखाएंगे जो जिन्हें देखकर आपको इनमें रहने वाले रेलवे कर्मचारियों की कठिन ज़िंदगी को बहुत करीब से देखने का अवसर मिलेगा.
1. एक कर्मचारी कैम्प कोच के बेडरूम में आराम फ़रमाता हुआ.
2. शाम 6 बजे से ही यहां के कर्मचारी अपना खाना तैयार कर लेते हैं.
3. इनका काम रात को 10 बजे से लेकर सुबह के 6 बजे तक चलता है.
4. घर से दूर रहने के कारण इनके रहने का इंतजाम इन्हीं कोच में किया जाता है.
5. इन बोगियों में तो इन लोगों ने कूलर, टीवी और फ़्रिज तक लगा डाले हैं. कई बार बड़े अधिकारियों के रूम में तो एसी भी लगता है.
6. काम पर जाने से पहले ब्रेक चेक करता एक वर्कर.
7. इनके काम में काफ़ी धूल उड़ती है. इसलिए काम के वक़्त सभी कर्मचारी मुंह ढंके रहते हैं.
8. मेंटेनेंस के दौरान Visibility भी बहुत कम हो जाती है.
9. इनकी मदद के लिए कई बार वहां रहने वाले रेल कर्मचारी भी मदद के लिए आ जाए हैं.
10. मेंटिनेंस के दौरान इन्हें दूसरे ट्रैक पर लाद दिया जाता है जिससे गाड़ियां आती-जाती रहती हैं, मगर ये उनसे कुछ फ़ीट की दूरी ही होते हैं.
11. कैम्प कोच में किचन होने का अपना ही मजा है.
12. इस कोच तो इन महाशय ने अपना बाथरूम ही बना दिया, सही है.
13. इस कोच में इन लोगों ने मंदिर ही बना दिया, क्या बात है.
14. ये वो बेल्ट है जो पत्थरों को साफ़ करती है.