वर्तमान में न्यूज़ से ज़्यादा चलने वाला फेक़ न्यूज़ फोन और इंटरनेट क्रांति दौर में समाज पर जबरदस्त रूप से हावी होता दिख रहा है। फेक न्यूज का आशय ही है कि किसी खबर को गलत तरीके से पेश करना। सच्चाई को किसी अन्य तथ्यों के साथ पेश करना। वास्तविक में फेक न्यूज समाज के लिए खतरनाक विषय है। फेक न्यूज की अलग भाषा शैली तैयार की गई जिसमें ऐसा पेश किया जाता है कि विरोधी खराब हैं या सारी गलती उन्होंने की है और हम श्रेष्ठ हैं। फेक न्यूज के इस जंजाल ने समाज के लोगों में सोचने समझने की क्षमता को कम कर दिया है।
फेक न्यूज के इस दौर में लोगों के पास खबरें और सूचनाएं तो भरपूर मात्रा में हैं लेकिन उन खबरों में सही तथ्यों का न होना और खबरों के साथ लोगों को भावनात्मक रूप में जोड़ना ही फेक न्यूज की प्रकृत्ति है। इस तरह से गलत न्यूज फैलाने वाले इंटरनेट के दौर में अधिक सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। और इसका सबसे विभत्स रूप ये हुआ है कि आज एक इंसान दूसरे इंसान के खिलाफ असहमति रखने के बजाए मरने मारने पर उतारू है। इस तरह से फेक न्यूज का बड़ा जंजाल हमारे समाज के लिए वाकई चिंताजनक विषय है।
वर्तमान भारतीय राजनीति में देखें तो लगभग सभी पार्टी के पास एक मजबूत आईटी सेल है, इस बात में कोई दो राय नहीं है। जिसकी ताकत हम समय समय पर देख चुके हैं। चाहे वो 2014 के आम चुनावों में भाजपा की जीत हो या अरविंद केजरीवाल का दिल्ली विधानसभा चुनाव की जीत। ये सारे शानदार जीत बिना आईटी सेल के संभव नहीं थे। इसी तरह से कांग्रेस ने भी अपने आईटी सेल का प्रयोग गुजरात के पिछले विधानसभा में जमकर किया था।
फेक न्यूज की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ गई है, कि इसे लेकर अब कई लोग इसका भंडाफोड़ कर रहे हैं, इसी कड़ी में ध्रुव राठी का नाम पिछले दिनों काफी जोरों से लिया गया था,जब उन्होंने कथाकथित रूप से बीजेपी आईटी सेल को एक्सपोज़ किया था। तो चलिए जानते हैं कि बीजेपी आईटी सेल और मोदी सरकार का दुष्प्रचार करने वाले ध्रुव राठी की सच्चाई क्या है?
कौन हैं ध्रुव राठी-
ध्रुव राठी एक यूट्यूब ब्लागर है, जो लगभग सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद है। जिसने पिछले दिनों तथाकथित रूप से बीजेपी आईटी सेल के एक्सपोज से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में भारतीय राजनीति का अपने आप को एक नए राजनीतिक कमेंटेटर के तौर पर प्रस्तुत किया है। इसके सारे वीडियो देखने से पता लगता है कि सर्वसम्मति से एंटी मोदी और एंटी बीजेपी है। वह वर्तमान सरकार की विफलता को दिखाने के लिए अपने दावों को साबित करने के लिए बहुत सारे डेटा और विश्लेषण का भी प्रयोग करता है।
ध्रुव राठी वास्तविक में लेफ्टिस्ट, तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोगों के समूह का ही हिस्सा है। ध्रुव राठी से अलग विचार रखने या उससे असहमत रहने वाले लोगों को वो संघी या मोदी भक्त कहता है। और उसके फैन्स भी कुछ इसी तरह की बातें करते हैं। ध्रुव राठी उन्हीं मुद्दों पर अक्सर प्रकाश डालने की कोशिश करता है जहां मुस्लिम पीड़ित हैं, जिससे उनके लिए एक विश्व व्यापी दृष्टिकोण बना रहे जबकि ध्रुव राठी उन मामलों को चुनिंदा रूप से अनदेखा करते हैं जहां मुस्लिम अपराधी हैं। जैसे उदाहरण के लिए वो इस मुद्दे को तो दिखाएगा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ, लेकिन 1990 के बाद कश्मीर में भी सैकड़ों मंदिरों के विध्वंस जो कश्मीरी आतंकीयों द्वारा किये गये, ऐसे विषयों पर ध्रुव राठी की आवाज नहीं निकलती। अगर बिना पूर्वाग्रह से ग्रसित हुए देखें तो इन मुद्दों पर ध्रुव राठी कभी अपने वीडियो पर चर्चा नहीं करता।
जब उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष और वामपंथी गोमांस के लिए हो रहे हमले के बारे में चिंतित होते हैं, तो यह कल्पना करना मुश्किल होता है कि इन लोगों ने आरटीई और अनुच्छेद 30 के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा।
क्या है अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं के अधिकरा आरटीई और अनुच्छेद 30-
समानता के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कुछ अधिकारों की रक्षा का प्रावधान है। वास्तविकता यह है कि अल्पसंख्यकों द्वारा स्थापित शैक्षिक संस्थानों का नियंत्रण पूर्णतः उनके पास होता है, उसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। धर्म और भाषा के आधार पर सभी अल्पसंख्यक समुदायों को अपने आधार पर शैक्षणिक संस्थानों को स्थापित करने का अधिकार प्राप्त है। तथाकथित उदारवादी और धर्मनिरपेक्ष लोग इस बात को कभी नहीं उठाते कि भारतीय संविधान की धारा 30 (1) के अनुसार पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण नीति लागू करने की बाध्यता अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षणिक संस्थानों में नहीं है। मतलब बहुसंख्यक समुदायों के शैक्षणिक संस्थानों को सरकार के हस्तक्षेप का सामना करना पड़ता है। जबकि वहीं अल्प संख्यक समुदाय के शैक्षणिक संस्थान पूर्ण स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं। मोटे तौर पे कहा जाए तो यह अनुच्छेद सांप्रदायिक असंतुलन को बढ़ावा देता है।
ध्रुव राठी की कुछ अच्छी बातें जो उसे ऐसा करने में सहायक हैं-
- अच्छी राजनीतिक पकड़ और एक अच्छा वक्ता है।
- स्पष्ट और सरल हिंदी भाषा का प्रयोग।
- मोदी सरकार की विफलता का खुलासा करने के लिए आंकड़ों का प्रयोग।
- वह मोदी सरकार की विफलता का खुलासा जब करता है तो बहुत आश्वसत रहता है। जिसकी वजह से कोई भी ये आसानी मे मान जाएगा कि ध्रुव राठी जो कह रहा है वो सच है।
- ध्रुव राठी अक्सर समाचार चैनलों, बीजेपी की नीतियों, राजनीति आदि पर ही वीडियो बनाता है।
ध्रुव राठी के बुरे प्वाइंट्स-
- वीडियो से पता चलता है कि ध्रुव राठी राजनीतिक रूप से पूरी तरह से बायस्ड है।
- ध्रुव राठी अपने वीडियो में एक ही तरह के न्यूज का प्रचार प्रसार करता है। जिसमें मोदी विरोध, भाजपा विरोधी खबरें प्रमुख रहती हैं।
- वह अपने वीडियो में गलत तथ्यों का सहारा लेता है, जैसा कि उसने एक बार कहा था कि कांग्रेस के शासन काल में जीडीपी 10 प्रतिशत थी।
- ध्रुव राठी के अनुसार बीजेपी पूरी तरह से सांप्रदायिक पार्टी है। और उसके लिहाज से बीजेपी के शासन काल में मुस्लिम पूरी तरह से असुरक्षित हैं।
- ध्रुव राठी के बारे में कहा जा सकता है कि वो एक तरह से बायस्ड राजनीति का पार्ट है।
सबसे बड़ी बात तो वह भारत से बाहर रहता है और फिलहाल वो भारत के जमीनी स्तर के असलियत से अंजान है। लेकिन फिर भी वह विदेश में रहते हुए मौजूदा भारतीय राजनीति में एक टिप्पणीकार की अदा निभा रहा है। दूसरी बात ये कि ध्रुव ने कभी भी बीजेपी के अलावा किसी पार्टी के नेताओं या उनकी नीतियों के बारे में कुछ भी बुरा नहीं कहा है। चाहे वह आम आदमी पार्टी हो या कांग्रेस। उदाहरण के तौर पर देखें तो ध्रुव राठी को उस वक्त भी सक्रिय रहना था जब यूपीए के दूसरे कार्यकाल में बड़े घोटाले देश में हो रहे थे।
ट्विटर पर इन लोगों को फॉलो करते हैं ध्रुव राठी
इन में से कुछ चुनिंदा लोगों के नाम हम आप को बता रहे हैं,वह जिन्हे फॉलो करते हैं उन में से एक ख़ास तबका किस से और किन विचारों से तालुक रखता है, आप खुद ही देख लीजिये
आम आदमी पार्टी
अरविन्द केजरीवाल, अलका लम्बा, आशीष खेतान , सोमनाथ भर्ती, सौरभ भरद्वाज, सत्येंदर जैन, कपिल मिश्रा, अभिनव आप( फॉर्मर सोशल मीडिया सेल हेड आम आदमी पार्टी ), एल्विस गोम्स ( AAP कन्वेनर गोवा ), अरुणोदय ( मीडिया सलाहकार, डिप्टी सीएम एवं दिल्ली सरकार, राघव चड्ढा, पुलकित शर्मा ( AAP सोशल मीडिया सेल कॉम्पैग्नर ), कुमार विश्वास, मनीष सिसोदिया, भास्कर ( वॉलींटेर आप) , आप का मेहता, रघु राम, अनुराग कश्यप, जेवेद जाफरी, Cecile Rodrigue ( AAP Goa candidate ), कपिल ( आप वॉलेंटेर )
कांग्रेस
सलमान निज़ामी , दिग्विजय सिंह, शशि थरूर, संजय झा, द हैंडल ऑफ़ आईं ऐन सी ,
भाजपा
नरेंद्र मोदी , हैंडल ऑफ़ बीजेपी .
पत्रकार समूह
बरखा दत्त, रविश कुमार, राणा अयूब, रामचंद्र गुहा, द वायर, ऑल्ट न्यूज़ , रिपब्लिक, सुनेत्रा चौधरी (एनडीटीवी), सर्वप्रिय सांगवान ( एनडीटीवी ), ऋतू कपूर ( द क्विंट ) न्यूज़, अभिषेक मिश्रा
छात्र संघ:
कन्हैया कुमार , शेहला रशीद, गुरमेहर कौर,
बाकी राजनेता
ममता बनर्जी , अखिलेश यादव
अंततः जानकारी और संकेतों के माध्यम से पता चलता है कि वे आम आदमी पार्टी आईटी सेल के सदस्य हैं। क्योंकि उनके वीडियो में वे सारे तथ्य होते हैं जो आम आदमी पार्टी के आईटी सेल के सदस्य प्रयोग में लाते हैं। यह बात और भी पुख्ता तब हो जाती है जब अरविंद केजरीवाल खुद उनके ट्विट्स और वीडियो को रिट्विट करते हैं। क्योंकि जब उन्होंने बीजेपी आईटी सेल का तथाकथित पर्दाफाश किया था तो ध्रुव राठी के साथ साथ अरविंद केजरीवाल पर भी केस दर्ज किया गया था। ध्रुव राठी एक एंटी बीजेपी हैं इस कथन की शिनाख्त उनके फेसबुक पेज से ही हो जाता है। क्योंकि उसके द्वारा किए गए फेसबुक पेज लाइक में अधिकतर पेज एंटी बीजेपी हैं। ध्रुव आम आदमी पार्टी का आईटी सेल सदस्य है इस बात को जोर तब और मिल जाता है जब उसके द्वारा या उसे फॉलो किए गए लोगों में अधिकतर लोग आम आदमी पार्टी से सीधा संबंध रखते हैं।
सब से मज़ेदार बात तो ये है वह जिस तरह से काम करते हैं इस से कोई भी अंदाजा लगा सकता है की उन के काम करने का अजेंडा क्या है , आप उन के वीडियो को like कर सकते हैं, क्यों की कुछ वीडियो वाक़ई अच्छे होते हैं, लेकिन दिन के अंत तक वह एक ख़ास अजेंडा पर काम करने वाले और खुद को एक ख़ास राजनैतिक दल के विरोधी प्रमाणित कर देते हैं, हालांकि वह किसी को भी जो की डिजिटल प्लेटफार्म पर सक्रिय है उसे भाजपा IT सेल के जोड़ ने में पीछे नहीं हटते हैं,
ध्रुव राठी और महावीर( दावे के अनुसार बीजेपी आईटी सेल का सदस्य “2012-2015”) के इंटरव्यू की बड़ी बातें-
फेक न्यूज के पोल खोलने का तथाकथित काम कर रहे ध्रुव राठी का नाम उन दिनों और अधिक चर्चित हो गया जब उसने बीजेपी आईटी सेल का तथाकथित भंडाफोड़ किया था। और बीजेपी आईटी सेल के तथाकथित एक पूर्व सदस्य से इंटरव्यू कर कई चौंकने वाले आश्चर्य़चकित खुलासे किए थे। तो आइये जानते हैं महावीर और ध्रुव राठी का इंटरव्यू जिन्होंने बीजेपी को निम्न आधार पर प्रमाणित करने के लिए कुछ बातें कहीं ।
- बीजेपी एंटी मुस्लिम पार्टी है।
- एंटी दलित पार्टी है।
- बीजेपी एक ऐसी पार्टी है, जिसके पास एक ऐसी आईटी सेल मौजूद है जो मात्र एक घंटे में अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए पूरे देश में दंगे फैला सकती है।
- बीजेपी का आईटी सेल प्रोपोगैंडा और झूठ फैलाने का काम करती है।
- इंटरव्यू में चौकाने वाले खुलासा आया कि योगी और उनके समर्थक अगले आम चुनावों मेंं मोदी को कुर्सी से हटाना चाहते हैं।
- बीजेपी मनुस्मृति को वैध बनाना चाहती है।
- मोदी सभी फेक न्यूज फैलाने वाले लोगों से मिलते हैं।
- महावीर ने ध्रुव राठी के साथ दिए अपने इंटरव्यू में कहा है कि बीजेपी आईटी सेल में सुपर 150 लोग हैं जो कंटेट बनाते हैं। और उन्हें अच्छी खासी सरकारी नौकरी की तरह सैलेरी मिलती है। जबकि उनके नीचे काम कर रहे कार्यकर्ताओं को हजार रूपए प्रतिदिन के हिसाब से ही पैसे दिए जाते हैं।
- जबकि महावीर खुशी खुशी ये दावा करते हैं कि वो राजस्थान के किसान विद्रोह के हिस्सा हैं और वे अपना लोन नहीं चुकाएंगे, इस पर ध्रुव राठी कुछ नहीं कहते।
ध्रुव राठी और महावीर के इंटरव्यू में दोनों के झूठ का भंडाफोड़-
महावीर ने इस इंटरव्यू में कहा कि हर चीज में हिंदू मुस्लिम एंगल खोजकर पोस्ट की जाती है। जिससे आम जन की भावनाएं भड़कें। उन्होंने कहा कि कुछ प्रोपोगैंडा साइट्स भी बीजेपी आईटी सेल की ओर से संचालित हैं। उसमें उन्होंने NEWS TREND का भी नाम लिया लेकिन NEWS TREND की प्रवृत्ति इस प्रकार की कतई नहीं है। जैसा महावीर द्वारा दावा किया जा रहा है। इसके बाद यहां सबसे बड़ा झूठ तो यही है कि उसने कहा कि इस वेबसाइट पर रोज़ाना 3 से 4 करोड़ विजिटर आते हैं पर सच्चाई तो इसके परे है क्योंकि इस वेबसाइट पर रोज़ाना लगभग 40 लाख के अंदर ही लोग विजिट करते हैं। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर ध्रुव राठी खुद को फेमस करने के लिए किस तरह से दूसरों को बदनाम करता है। इस तरह ध्रुव राठी अपने यूट्यूब चैनल और वीडियो से लोगों को गुमराह करने की साजिश करता है। इस तरह ध्रुव राठी महावीर जैसे लोगों को मोहरा बनाकर लोगों को गुमराह करने की साजिश करता है।
ध्रुव राठी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज-
ध्रुव राठी के इसी इंटरव्यू के खिलाफ बीजेपी आईटी सेल प्रमुख लोगों ने महावीर द्वारा किए गए दावे को आधारहीन और झूठा बताया है और पुलिस से इस मामले में ध्रुव राठी और महावीर के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा था। पुलिस ने ध्रुव राठी के साथ साथ अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी केस दर्ज किया था। इस तरह से तरह ध्रूव राठी मोदी और बीजेपी आईटी सेल के पर्दाफाश करके यू-ट्यूब से लाखों रूपये कमाते हैं।