पीएम मोदी ने खोला अपने जीवन का ऐसा राज, 32 साल तह उन्हें ढूँढते रहे बैंक अधिकारी
पीएम मोदी को आज दुनियाभर में जाना जाता है। पीएम मोदी ने दुनियाभर में अपनी पहचान ताक़तवर नेताओं में बनायी है। जब भी कभी किसी देश के ताक़तवर नेता का नाम आता है तो मोदी का नाम ज़रूर लिया जाता है। पीएम मोदी ने 2014 में देश की बागडोर प्रधानमंत्री के तौर पर अपने हाथ में सम्भाली थी। तब से लेकर आजतक लगातार देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं। देश के विकास के लिए पीएम मोदी ने कई योजनाएँ लागू कि, हालाँकि इनमें से कुछ योजनाएँ असफल भी रही हैं। इसी वजह से लगातार विपक्ष उनके ऊपर हमला करता रहा है।
मोदी के बारे में कम लोग जानते हैं ये बात:
यह बात किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है की पीएम मोदी नेता बनने से पहले जीवन में काफ़ी संघर्ष कर चुके हैं। कहा जाता है कि जीवन के शुरुआती दिनों में ये अपने पिता के साथ स्टेशन पर चाय भी बेचा करते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कई ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही बात बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
हर समय रहता था मोदी का गुल्लक ख़ाली:
शनिवार को पीएम मोदी ने अपने बारे में बोलते हुए कहा कि विधायक बनने से पहले तक उनके पास कोई बैंक अकाउंट नहीं था। क्योंकि उनके पास धन ही नहीं था। मोदी ने अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए कहा कि उन दिनों में किस प्रकार देना बैंक एक योजना लाई थी, जिसके तहत छात्रों को गुल्लक दिया जाता था और उनका खाता खोला जाता था। बैंक वालों ने एक गुल्लक मुझे भी दी लेकिन हमेशा ही मेरा गुल्लक ख़ाली रहता था। बाद में मैंने गाँव भी छोड़ दिया। मेरा बैंक खाता चलता रहा और अधिकारियों को हर साल उसे आगे बढ़ाना पड़ता था। बैंक अधिकारी खाता बंद करने के लिए मेरी तलाश में थे।
32 साल बाद ढूँढ निकाला बैंक कर्मचारियों ने मोदी को:
पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह से बैंक अधिकारियों ने उन्हें 32 साल बाद ढूँढ निकाला और खाता बंद करने के लिए उनसे सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि 32 साल बाद उन्हें पता चला कि मैं किसी ख़ास जगह पर रहता हूँ। फिर बैंक अधिकारी आए और कहा कि कृपा करके हस्ताक्षर कीजिए, हमें आपका खाता बंद करना है। जब वाब गुजरात के विधायक बने और उन्हें वेतन मिलना शुरू हुआ तब उन्हें खाता खुलवाना पड़ा। मोदी ने भारतीय डाक विभाग के भुगतान बैंक के शुभारम्भ कार्यक्रम के दौरान कहा कि इससे पहले कोई कामकाज वाला खाता नहीं था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें मोदी ने शनिवार को भारतीय डाक विभाग के भुगतान बैंक का उद्घाटन किया। इसका मुख्य मक़सद ग्रामीण डाक सेवक और डाकघर की शाखाओं के व्यापक तंत्र का उपयोग करके आम आदमी के दरवाज़े तक बैंकिंग सेवाएँ पहुँचाना है। पीएम मोदी ने स्थानीय समूहों के साथ डाकियों के भावनात्मक जुड़ाव का ज़िक्र करते हुए कहा कि जनता का सरकार पर से विश्वास डगमगा सकता है, लेकिन डाकिये से नहीं। मोदी ने कहा कि जब दशकों पहले डाकिये एक गाँव से दूसरे गाँव जाता था तो डकैत और लुटेरे उनके ऊपर कभी हमला नहीं करते थे। क्योंकि वो जानते थे कि वो पैसे लेकर जा रहा है जो किसी के बेटे ने गाँव में रहने वाली अपनी माँ के लिए भेजे हैं।