जारी हुई सेहत के लिए खतरनाक स्मार्टफोन्स की लिस्ट, देखिये कहीं आपका फोन तो नहीं इसमें
आज के समय में मोबाइल फोन ने व्यक्ति की जीवन शैली को बहुत ही ज्यादा आरामदेह बना दिया है. हर छोटे बड़े काम अब घर बैठे मोबाइल पर ही होने लगे हैं, फिर वो चाहे सुबह उठने का अलार्म हो या फिर चाहे बडे से बड़ा पेमेंट हो. सबकुछ मोबाइल पर ही संभव हो गया है लेकिन क्या आप जानते हैं इस मोबाइल फोन ने जितना हमारे लिए हर काम को आसान बनाया है उतना ही ये हमारे लिए हानिकारक भी होता है. दरअसल होता ये है कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन बहुत ज्यादा खतरनाक होती है, ये रेडिएशन यूजर्स के दिमाग पर असर डालती हैं जिससे कई तरह की खतरनाक बीमारियां होने का खतरा बन जाता है. जारी हुई सेहत के लिए खतरनाक स्मार्टफोन्स की लिस्ट, अब देख लीजिए इनमें आपके मोबाइल फोन का नाम तो शामिल नहीं है ?
जर्मन फेडरल ऑफिस फॉर रेडिएशन प्रोटेक्शन ने एक डाटा शेयर किया है जिसमें वो स्मार्टफोन की लिस्ट है जिनमें से ज्यादा रेडिएशन निकलती है. मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन यानी तरंगे मानव शरीर की कोशिकाओं पर बुरा असर डालती है, इसके लिए भारत में स्पेसिफिक अब्सॉप्शन रेट (SAR) के मानक तय किये हुए हैं. जिसके मुताबिक हर मोबाइल का SAR वैल्यू 1.6 वॉट/किग्रा से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
अगर ये इससे ज्यादा होता है तो यूजर के लिए हानिकारक बाद होती है,इसके लिए यूजर को अपने स्मार्टफोन से *#07# कोड डायल करके आप अपने रेडिएशन की तीव्रता जांच सकते हैं और इससे संबंधित जानकारी भी आपको मिल जाएगी.नीचे दी गई तस्वीर में एक चार्ट है जिसमें जर्मन फेडरल ऑफिस फॉर रेडिएशन प्रोटेक्शन का डाटा आधारित किया गया है. इसमें नए और पुराने सभी स्मार्टफोन्स पर एक रिसर्च करके ये डेटाबेस बनाया गया है. देखिए स्मार्टफोन्स की लिस्ट-
मोबाइल रेडिएशन पर किए गए कई रिसर्च पर एक पेपर तैयार किया गया है जिसमें IIT बॉम्बे के इंजीनियर प्रो. गिरीश कुमार ने बताया है कि मोबाइल रेडिएशन के होने से यूजर को सिरदर्द, सिर में झनझनाहट, थकान, चक्कर, डिप्रेशन, नींद ना आना जैसी कई बीमारियां होने का खतरा होता है. इतना ही नहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा किए गए एक रिसर्च के अनुसार, अगर व्यक्ति लंबे समय से रेडिएशन का शिकार हो रहा हो तो उसे कैंसर और ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा भी आमतौर पर बढ़ जाता है. वहीं दूसरी ओर इंटरफोन स्टडी में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति आधे घंटे से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करता है तो उसमें ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा 200 से 400 फीसदी तक बढ़ जाता है.