ताले-चाबी का ये आसान टोटक खोल सकता है आपके बंद क़िस्मत का ताला, जल्द दूर होगा बुरा समय
आज के समय में हर व्यक्ति जीवन में सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ना चाहता है। कुछ लोग सफलता पा भी लेते हैं, वहीं कुछ लोग लाख मेहनत करने के बाद भी जीवन में असफल ही रह जाते हैं। उन्हें कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती है। वह जो भी काम करते हैं उन्हें असफलता का मुँह ही देखना पड़ता है। बार-बार मिलने वाली असफलताओं से व्यक्ति निराश हो जाता है और जीवन में कुछ भी अच्छा करने का प्रयास भी छोड़ देता है। इस वजह से वह कभी आगे नहीं बाढ़ पाता है।
क़िस्मत साथ ना दे तो समज जाइए सोई हुई है क़िस्मत:
वहीं दूसरी तरफ़ ऐसे भी लोग हैं जो थोड़ी सी मेहनत करते हैं और उन्हें सफलता मिल जाती है। उन्हें हर काम में सफलता मिलती है। वह जिस भी काम में अपना हाथ लगाते हैं, वह सफल हो जाता है।, इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा रहता है। इसलिए वह किसी भी काम में हार नहीं मानते हैं, क्योंकि उन्हें तो पाता होता है कि उन्हें हर काम में सफलता मिलनी ही है। अगर आपकी क़िस्मत आपका साथ नहीं दे रही है तो समझ जाइए की आपकी क़िस्मत सोई हुई है या उसके ताले बाँध हैं।
इस उपाय से खुल सकती है सोई हुई क़िस्मत:
अब क़िस्मत सोई हुई हो या उसके ताले बंद हो तो इसका एक ही उपाय है कि बंद क़िस्मत के तालों को खोला जाए। बिना क़िस्मत का ताला खोले कूच नहीं हो सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें ज्योतिषशास्त्र में कई ऐसे उपायों के बारे में बताया गया है, जिससे आप आसानी से बंद क़िस्मत के तालों को खोल सकते हैं और एक ही रात में अपना भाग्य बदल सकते हैं। इसके बाद आपको जीवन में कभी भी असफलता का मुँह नहीं देखना होगा। आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारी उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आपको सोई हुई क़िस्मत खुल सकती है।
शुक्रवार को ख़रीदकर लाएँ एक ताला:
आप तो जानते ही हैं कि किसी भी ताले को खोलने के लिए एक चाबी की ज़रूरत होती है, ठीक वैसे ही आपकी क़िस्मत का ताला खोलने के लिए भी एक चाबी की ज़रूरत है। जी हाँ यह सच है, आपके क़िस्मत का ताला एक चाबी ही खोल सकती है। इसके लिए आप शुक्रवार के दिन एक स्टील का ताला ख़रीदकर लाएँ। इस ताले को ख़रीदकर उसे बिना खोले बंद डिब्बे में ही घर लाएँ। इस ताले को शुक्रवार की रात को उस कमरे में रख दें, जिस कमरे में आप सोते हैं। ताला ख़रीदते समय यह ध्यान रखें कि ताला पहले से बंद हो।
इसके बाद दूसरे दिन यानी शनिवार की सुबह उठकर सबहि दैनिक क्रियाओं से निवृत होने के बाद किसी नज़दीकी मंदिर में जाकर ताले की पूजा करें। इसके बाद ताले को पुनः घर लेकर आएँ। घर आने के बाद ताले को किसी ऐसी जगह रख दें, जहाँ सदस्यों का लगातार आना जाना बना रहता है। आप इसके बारे में किसी को भी ना बताएँ, बस चुपचाप बैठकर यह इंतज़ार करें कि कोई इस ताले को आकर खोले। जिस दिन कोई बिना आपके कहे ताले को खोल देगा, उसी दिन आपकी क़िस्मत का ताला भी खुल जाएगा। आपको बता दें यह प्रयोग कई लोगों के लिए कामयाब भी रहा है। आप भी एक बार ज़रूर आज़माएँ।